12 जुलाई कमेटी के आह्वान पर गुरुवार को पूरे उत्तर बंगाल में महा-रैली और उत्तरकन्या अभियान आयोजित किया गया। इस आंदोलन में कार्यरत और सेवानिवृत्त मज़दूर, कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षाकर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए।सिलीगुड़ी में रैली की शुरुआत सिद्धेश्वरी कालीबाड़ी परिसर से हुई और काफिला उत्तरकन्या की ओर बढ़ा। हालांकि, जैसे ही यह रैली तीनबत्ती मोड़ पहुँची, पुलिस ने उसे रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बहस भी हुई। बाद में, छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उत्तरकन्या जाकर ज्ञापन सौंपा।
कमेटी की ओर से सीआईटीयू दार्जिलिंग जिला सचिव गौतम घोष ने कहा कि सरकारी दफ्तरों और शिक्षा संस्थानों में खाली पदों को तुरंत भरा जाए, दुर्घटना या आकस्मिक कारणों से प्रभावित कर्मियों को स्थायी नियुक्ति दी जाए और समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जाए।इसके साथ ही, केंद्र और निजी संस्थानों के निजीकरण पर रोक, किसानों के लिए एमएसपी कानून लागू करने, चाय श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और आवासीय भूमि का पट्टा देने सहित कुल 20 सूत्री मांगें रखी गईं।इस महा-रैली को लेकर उत्तर बंगाल के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहमागहमी तेज हो गई है।