सिलीगुड़ी समेत पूरा बंगाल गर्मी और चिलचिलाती धूप से सुलग रहा है. मानव, पशु-पक्षी, पेड़ पौधे सब बेहाल हैं. नदियां सूख चुकी हैं. छुट्टियों का मौसम भी है. मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी और तीखी धूप से छुटकारा पाने के लिए काफी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग, कालिमपोंग, सिक्किम आदि पहाड़ी इलाकों में जा रहे हैं. पिछले कई दिनों से पर्यटकों की पहाड़ी क्षेत्रों में तादाद अत्यधिक बढ़ गई है. इससे पर्यटन क्षेत्र संगठन और पर्यटन व्यवसाई दोनों ही काफी खुश नजर आ रहे हैं.
दार्जिलिंग और सिक्किम में पर्यटकों की तादाद इतनी बढ़ गई है कि वहां होटल कारोबार में काफी वृद्धि हुई है. गंगटोक, दार्जिलिंग और कालिमपोंग जैसे क्षेत्रों में होटल खाली नहीं है. पर्यटन से जुड़े अन्य प्रकार के कारोबार में भी काफी उछाल आया है. दार्जिलिंग क्षेत्र में लोगों की भीड़भाड़ बढ़ने से यातायात पर भी इसका असर पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि केवल सिलीगुड़ी अथवा आसपास के लोग ही पहाड़ पर जा रहे हैं. बल्कि कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई आदि क्षेत्रों से भी लोग दार्जिलिंग और सिक्किम जाने के लिए भारी संख्या में आ रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है. पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटकों की आवक बढ़ने से कारोबारी की काफी खुश हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग, गंगटोक, कालिमपोंग आदि क्षेत्रों में कारोबारियों ने पर्यटकों के इस्तेमाल की वस्तुओं के दाम काफी बढ़ा दिए हैं. होटल का किराया भी पर्यटकों से मनमानी वसूला जा रहा है. श्याम वर्मा नामक दिल्ली के एक पर्यटक ने बताया कि उन्होंने 1 महीने पहले गंगटोक में एक होटल में कमरा बुक कराया था. जब वह दिल्ली से आकर गंगटोक स्थित होटल में ठहरने गए तो उन्हें बताया गया कि कमरे का किराया बढ़ा दिया गया है. उन्हें बढ़े हुए रेट के अनुसार ही भुगतान करना होगा. होटल में इसी तरह से फुडिंग चार्ज भी मनमानी तौर पर वसूला जा रहा है. पर्यटक मजबूर हैं.
जब एक-एक कर सभी चीजों के दाम मनमाने तरीके से बढ़ा दिए गए हैं तो ऐसे में परिवहन मालिक भी पीछे कैसे रहते. उन्होंने भी वाहनों का किराया बढ़ा दिया है. मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तथा कालिमपोंग जाने का कार का किराया ₹500 से बढ़कर ₹1000 कर दिया गया है. सिलीगुड़ी से सिक्किम का भी किराया बढ़ाया गया है. हालांकि परिवहन चालकों ने किराया बढ़ाते हुए प्रशासन से कोई इजाजत नहीं ली है, जिससे पर्यटक काफी दुखी हैं और प्रशासन से इस तरफ ध्यान देने की अपील कर रहे हैं.
मुकेश सिंह नामक कोलकाता निवासी एक पर्यटक ने बताया कि वह कोलकाता से नगद ₹10000 लेकर चले थे. सोचा था कि इतने से काम चल जाएगा. लेकिन यहां आने के बाद होटल से लेकर कार चालक तक सबने जो अपना नया चार्ज बताया ,उसके बाद उनका दिमाग घूम गया. क्योंकि ऐसे लोगों ने अपनी वेबसाइट पर कुछ और डाल रखा है और यहां आने के बाद कुछ और डेटा सामने आता है. पर्यटकों की मजबूरी है. क्योंकि वह किसी तरह के विवाद में पड़ना नहीं चाहते हैं. वह घूमने आए हैं. इसलिए झगड़ा नहीं करेंगे. मुकेश सिंह ने कहा कि अब वह कोलकाता लौट रहे हैं. लेकिन अब तक उनकी जेब से ₹15000 से ज्यादा का खर्च हो चुका है.
अगर आप सिक्किम से सिलीगुड़ी जाने के लिए कार बुक करते हैं तो चालक कम से कम ₹5000 आपसे किराया ले सकता है. पहले ₹3000 से लेकर ₹4000 तक में गंगटोक के लिए कार बुक हो जाती थी. कई पर्यटकों ने बताया कि इस बार दार्जिलिंग, कालिमपोंग और सिक्किम घूमने का खर्च अत्यधिक बढ़ गया है. लेकिन उन्हें काफी खुशी है कि उन्होंने भरपूर इंजॉय किया. पवित्र मेहता नमक एक पर्यटक ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ सोनादा के चकटपुर, चौरस्ता, इंद्राणी फाल, माल रोड, टाइगर हिल हिल आदि स्थानों में घूम कर स्वर्ग जैसी अनुभूति प्राप्त की है.
वही सिक्किम घूमने आए पर्यटक वीरेंद्र ने बताया कि वाकई गंगटोक में घूमना किसी स्वर्ग में जाने के बराबर है. सब कुछ अच्छा लग रह रहा है.उन्होंने होटल में अपने खाने और आर्गेनिक साग सब्जियों की भी काफी तारीफ की है. सिक्किम में ऑर्गेनिक साग सब्जियां बहुतायत मिलती हैं. लेकिन उन्होंने भी यही बात कही कि पर्यटन व्यवसायी पर्यटकों को जहां मौका मिलता है, लूट रहे हैं. इनमें परिवहन चालक काफी आगे हैं. कुछ होटल वाले भी पर्यटक को देखकर मनमाना किराया ले रहे हैं. ऐसे में अगर आप पहाड़ पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अपनी जेब भारी करके ही जाएं. तभी पहाड़ पर घूमने का आनंद मिलेगा.
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