भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। साउथ अफ्रीका को हराकर भारत ने पहली बार आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत में असम की बेटी और गोरखा समुदाय की गर्व, उमा छेत्री का योगदान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
सिर्फ 23 साल की उम्र में उमा छेत्री ने असम ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर भारत का नाम रोशन कर दिया है। 26 अक्टूबर 2025 को उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप के ग्रुप मैच में अपना वनडे डेब्यू किया था। हालांकि वह मैच बारिश के कारण अधूरा रह गया, लेकिन यही मैच उनके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत था।
काजीरंगा नेशनल पार्क के पास स्थित छोटे से कस्बे बोकाखात की रहने वाली उमा का सफर संघर्षों से भरा रहा है। उनके माता-पिता खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। परिवार की मदद के लिए उमा खुद भी खेतों में काम करती थीं। उनके भाई ने तो उनके क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए रिक्शा तक चलाया।
उमा की मां ने उनकी क्रिकेट यात्रा में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। तीन साल की उम्र में जब उमा ने अपने जन्मदिन पर एक प्लास्टिक का bat हाथ में लिया, तभी इस सपने की शुरुआत हुई। परिवार की तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उमा को 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी, ताकि वह क्रिकेट पर पूरा ध्यान दे सकें।
बचपन में उमा रोज़ाना 16 किलोमीटर पैदल चलकर ट्रेनिंग सेंटर जाती थीं। उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थितियों को अपनी सीमा नहीं बनने दिया। उनकी मेहनत का नतीजा है कि आज वह भारतीय महिला टीम का अभिन्न हिस्सा हैं।
उमा छेत्री ने साल 2023 में हांग्जो एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली टीम में भी शानदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा, उन्होंने एसीसी महिला टी20 इमर्जिंग एशिया कप में भारत A का प्रतिनिधित्व किया और महिला प्रीमियर लीग 2023 में यूपी वॉरियर्स के लिए अपना डेब्यू किया।
वनडे टीम में उनका चयन भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई कहानी की शुरुआत है — एक ऐसी कहानी, जो बताती है कि सपने सिर्फ बड़े शहरों में नहीं, छोटे कस्बों और सीमित साधनों में भी पनप सकते हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “उमा छेत्री ने असम और पूरे पूर्वोत्तर का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। उनका संघर्ष और सफलता नई पीढ़ी को प्रेरित करेगी।”
आज पूरा देश गर्व से कह रहा है —
“गोरखा बेटी, असम की शान — उमा छेत्री ने किया कमाल!”
यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि हर उस सपने की जीत है जो कठिनाइयों के बावजूद उड़ान भरना जानता है।

					
					
					