पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस आजकल सुर्खियों में है. राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राजभवन में ड्यूटी पर तैनात कोलकाता पुलिस के जवानों को तत्काल बदलने की मांग की थी. इसके बाद से ही राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्यपाल के उस पत्र पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिसमें उन्होंने कोलकाता पुलिस कर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी से हटाने के लिए कहा था. 14 जून को राज्यपाल ने राज भवन में ड्यूटी पर तैनात कोलकाता पुलिस कर्मियों को तत्काल बदलने की मांग की थी.
राज्य सचिवालय से जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो राज्यपाल ने 17 जून को राज्य सचिवालय को एक पत्र लिखा और सरकार से राजभवन की सुरक्षा ड्यूटी से कोलकाता पुलिस को हटाने का अनुरोध किया. राज भवन सूत्रों के अनुसार 17 जून को राज्यपाल के कर्मचारियों द्वारा राज्यपाल भवन परिसर में स्थित पुलिस चौकी पर उनके कब्जे वाले कमरों को खाली करने का नोटिस देने का प्रयास किया गया था. लेकिन बताया जा रहा है कि मौजूद पुलिसकर्मियों को यह नोटिस नहीं मिला था.
उसी दिन रांगापानी में ट्रेन हादसा हुआ. स्थिति का जायजा लेने राज्यपाल उसी दिन दार्जिलिंग उत्तर बंगाल के दौरे पर आ गए और कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना स्थल का दौरा किया था. पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राज्यपाल सी वी आनंद बोस के 36 के रिश्ते रहे हैं. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. आज राज्यपाल आनंद बोस ने एक लोकप्रिय समाचार एजेंसी को दिए गए बयान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर एक बड़ा गंभीर आरोप लगाया है.
राज्यपाल ने कहा है कि राज भवन में तैनात कोलकाता पुलिस के जवानों से उन्हें असुरक्षा है. उन्हें लगता है कि यह उनकी सुरक्षा में बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी सारी बातें बता दी है. लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. आपको बता दें कि राज्यपाल श्री आनंद बोस ने बंगाल पुलिस कर्मियों को राजभवन परिसर खाली करने का आदेश दिया है. लेकिन पुलिसकर्मी अभी भी गवर्नर हाउस में ड्यूटी कर रहे हैं.
राज्यपाल ने कहा है कि राज भवन में तैनात पुलिस के अधिकारी और पुलिसकर्मी उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा हैं.राज्यपाल आनंद बोस ने पहले भी इस बात की शिकायत की थी कि राज्य पुलिसकर्मी, जो राजभवन में मौजूद रहते हैं वह उनकी जासूसी कर रहे हैं. उनकी उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इसके पीछे कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ हो सकता है. वे कौन लोग हो सकते हैं? जो भी हो आने वाले दिनों में राज्यपाल भवन और राज्य सचिवालय के बीच तनातनी और बढ़ने वाली है.
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