November 5, 2025
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जब आधार कार्ड निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं तो फिर सरकारी कार्यों में क्यों होता है इस्तेमाल?

If Aadhaar card is not proof of residence or citizenship, then why is it used in government work?

बंगाल में SIR शुरू हो गया है. ममता बनर्जी की सरकार इसका भारी विरोध कर रही है. अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया है कि SIR के डर से पिछले सात दिनों में सात लोगों ने अपनी जानें दी है. कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में भारी विरोध रैली निकाली गई.

ममता बनर्जी ने पूछा कि जब आधार कार्ड एस आई आर के लिए कोई महत्व नहीं रखता है, तो फिर केंद्र सरकार इसकी अहमियत को क्यों मानती है. आधार कार्ड क्यों सरकारी कामों में अहमियत रखता है? मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड को केंद्र सरकार ने ही शुरू किया था. राज्य सरकार ने नहीं किया. ऐसे में आधार कार्ड को चुनाव आयोग नागरिकता के लिए मान्यता क्यों नहीं दे रहा है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह सवाल वाकई सोचने पर मजबूर कर देता है.

भारतीय चुनाव आयोग एस आई आर के लिए आधार कार्ड को केवल पहचान के लिए मान्यता दे सकता है. यह निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं है. जब आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, तो क्यों आधार कार्ड के आधार पर किसी व्यक्ति को नागरिक माना जाता है?

आमतौर पर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड होने पर उस व्यक्ति को भारत का नागरिक मान लिया जाता है. ऐसे में आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण क्यों नहीं है? बैंक, पोस्ट ऑफिस अथवा किसी भी सरकारी कार्य में आधार कार्ड काफी महत्वपूर्ण होता है. बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड का उपयोग होता है. आधार कार्ड पर जो पता लिखा होता है, बैंक और सरकारी दफ्तरों में वह मान्य भी हो जाता है. फिर क्या कारण है कि SIR में चुनाव आयोग उसकी अहमियत पर जोर नहीं दे रहा है. अस्थाई निवास प्रमाण पत्र की बात करता है

जबकि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि आधार कार्ड को 11 मान्य दस्तावेजों के बराबर पहचान प्रमाण के तौर पर माना जाएगा अर्थात आधार कार्ड को 12 वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा. लेकिन चुनाव आयोग ने प्रस्तावित दस्तावेजों में आधार कार्ड को ज्यादा महत्व नहीं दिया है. और केवल 11 दस्तावेजो को ही मान्यता दी है.

आधार को लेकर बहस की जा सकती है. इसके पक्ष विपक्ष दोनों हो सकते हैं. लेकिन पक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही मानते हैं कि आधार कार्ड महत्वपूर्ण है. यह इतना महत्वपूर्ण है कि जिसके पास आधार कार्ड नहीं है, उसकी गिनती नहीं होती. वह मुर्दे के समान है. सरकारी सेवा का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड चाहिए. पते के प्रमाण के लिए भी आधार का इस्तेमाल किया जा सकता है. फिर SIR के लिए आधार कार्ड को क्यों नहीं स्वीकार किया जाना चाहिए?

यह आसानी से कल्पना की जा सकती है कि 2002 के बाद शहरीकरण की रफ्तार बढ़ी है. काम धंधे के सिलसिले में लोग आते गये और बसते चले गए. उनके पास सिवाय आधार कार्ड के अन्य कोई प्रमाण नहीं है. ऐसे में उनके लिए जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र अथवा 2002 से पहले के प्रमाण को प्राप्त करना आसान नहीं होगा. इसमें लोगों को बेवजह भाग दौड़ के साथ-साथ आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी यही चाहती हैं कि एस आई आर के लिए आधार कार्ड को संपूर्ण मान्यता दी जानी चाहिए. यह प्रमाण हर वैध नागरिक के पास उपलब्ध है. कोर्ट के वकीलों और न्यायाधीशों ने भी आधार कार्ड को मान्यता देते हुए SIR के लिए उपयोगी बताया है. अनेक न्यायाधीशों ने आधार को एक आधिकारिक दस्तावेज माना है.

SIR के क्रम में कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सिर्फ आधार कार्ड के साथ आवेदन करता है तो आयोग उसकी गुणवत्ता और वास्तविकता की जांच कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आधार को 12 वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे केवल पहचान स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाएगा. नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं है यह. अनेक विद्वानों का भी मत है कि आधार को पहचान के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए.

बहरहाल सिलीगुड़ी समेत पूरे प्रदेश में Sir शुरू हो गया है. अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा कि आधार कार्ड को लेकर क्या नयी बात सामने आती है. क्योंकि आधार कार्ड से संबंधित एक नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दायर है. यह भी पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग आधार कार्ड को Sir के 12वे दस्तावेज के रूप में इसे मान्यता देता है या नहीं.

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