मालीगांव: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) ने 01 मई को मिजोरम में साईरंग, आइजोल तक पहली बार ट्रायल रन सफलतापूर्वक कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह पूर्वोत्तर राज्य में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और मिजोरम को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से राजधानी कनेक्टिविटी को जोड़ने वाला चौथा पूर्वोत्तर राज्य बनाता है।
यह ऐतिहासिक ट्रायल रन पू. सी. रेलवे के महा प्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी तथा अन्य वरिष्ठरेल अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।उनकी उपस्थिति ने इस उपलब्धि के महत्व तथा कठिन भू-भाग और लॉजिस्टिक चुनौतियों पर काबू पाने में पू. सी. रेलवे की टीम के समर्पण को उजागर किया है।साई रंग में सफल ट्रायल रन के बाद,चौधरी ने मिजोरम के माननीय राज्यपाल जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह तथा मिजोरम के माननीय मुख्यमंत्री लालदुहोमा को भैरबी-साईरंग रेलवे परियोजना के क्षेत्र, प्रगति तथा रणनीतिक महत्व पर गहन जानकारी दी। श्री चौधरी ने यह भी बताया कि , परियोजना का निर्माण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने आगे बताया कि, रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा जून के प्रारंभ में निरीक्षण किया जाएगा तथा भैरबी-साईरंग रेलवे लाइन का औपचारिक उद्घाटन 17 जून के बाद होने की संभावना है। बातचीत के दौरान उन्होंने निर्माण चरण के दौरान सफलतापूर्वक दूर की गई इंजीनयरिंग बाधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया तथा इस परियोजना से क्षेत्र को मिलने वाले अपेक्षित आर्थिक और सामाजिक लाभों पर जोर दिया।
51.38 किलोमीटर लंबी भैरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना भारतीय रेलवे का एक इंजीनयरी चमत्कार है। इस परियोजना में 48 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल शामिल हैं। इस परियोजना में सुरंगों की कुल लंबाई 12853 मीटर है। पुल संख्या196 की ऊंचाई 104 मीटर है,जो कुतुबमीनार से 42 मीटर ऊंची है। इस परियोजना में 5 रोड ओवर ब्रिज और 6 रोड अंडर ब्रिज भी शामिल हैं। यह नई लाइन परियोजना चार सेक्शनों में विभाजित है, अर्थात भैरबी – हरतकी, हरतकी – कौनपुई, कौनपुई – मुआलखांग और मुआलखांग – साईरंग।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे नई रेल परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे मिज़ोरम की कनेक्टिविटी मेंउल्लेखनीय सुधार होगा।इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देना, लघु उद्योगों को सहायता प्रदान करना और यात्रियों तथा माल के परिवहन लागत को कम करना है।यह मिज़ोरम की राजधानी से देश के बाकी हिस्सों के बीच यात्रा समय को कम करने के साथ ही देश भर में आवश्यक आपूर्ति और लंबी दूरी की यात्रा तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित करेगा।
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