मालीगांव: भारतीयरेल अपने प्रमुख मार्गों पर उन्नत कवच 4.0 – स्वचालित ट्रेन सुरक्षाप्रणाली लगाने के लिए तेजी से अग्रसर है। कवच 4.0 दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रेनों के सुचारू परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल द्वारा विकसित एक व्यापक, प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान है, जो
सुरक्षा और नियंत्रण की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है। जिन सभी इंजनों में कवच के निचले संस्करण लगाए गए थे, उन्हें उन्नत कवच 4.0 से प्रतिस्थापित किया जाएगा। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के मालदा टाउन से डिब्रूगढ़ तक लगभग 1966 कि.मी.रेलमार्ग को कवच के कार्यान्वयन के लिए चिह्नित की गई है।
भारतीय रेल द्वारा अपने प्रमुख मार्गों पर कवच 4.0 का कार्यान्वयन उसके बुनियादी अवसंरचना के आधुनिकीकरण और सुरक्षामानकों में सुधार के लिए एक व्यापक पहल है। कवच 4.0 जैसी तकनीक का लाभ उठा कर, कनेक्टिविटी सिस्टम सुचारू संचालन को सुनिश्चित करेगा, मानवीयत्रुटि को कम करेगा और सबसे महत्वपूर्ण रूप से दुर्घटनाओं को रोकेगा। कवच 4.0 प्रणाली स्टेशन कवच सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकी घटकों पर बनाई गई है, जो इंजन और आरएफआईडी टैग को निर्देशित करने के लिए लोको कवच और सिग्नलिंग सिस्टम से सूचना प्राप्त करती है एवं ट्रेन के स्थान और दिशा की निगरानी के लिए नियमित अंतराल और सिग्नल बिंदु पर पटरियों के साथ स्थापित होती हैं।
पिछले कुछ समय से भारतीय रेल,रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है। कवच 4.0 की शुरुआत कर,भारतीय रेल,यात्रियों की रेलयात्रा को और भी सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।यह कदम रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और देश के रेल नेटवर्क में सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है।
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