पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से भाजपा और राज्य के राज्यपाल का पर जोरदार हमला बोला है. भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर ममता बनर्जी ने दृढ़ संकल्प लिया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा को भारत से हटा कर दम लेंगे.
ममता बनर्जी ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प व्यक्त किया और कहा है कि मणिपुर में आदिवासी संकट का सामना कर रहे हैं. जबकि केंद्र सरकार मौन है. भाजपा को फौरन देश छोड़ देना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय दौरे पर झाड़ग्राम पहुंची है. उन्होंने आज संकल्प दोहराया कि भाजपा को भारत छोड़ने पर मजबूर कर देंगे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के राज्यपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें तो भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए. उन्होंने राज्यपाल को चुनौती दी और कहा कि कुलपति विधेयक पर हस्ताक्षर करें.मुख्यमंत्री झारग्राम में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आई है. इसी मंच से उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य के राज्यपाल पर प्रहार किया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है. राज्यपाल की एक सीमा है. लेकिन आजकल राज्यपाल अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों के साथ में है. जबकि भाजपा सरकार आदिवासियों को बांट रही है.
आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्कूली शिक्षा में 3 भाषाओं के फार्मूले के बारे में स्पष्ट जानकारी दी और कहा कि इनमें से मातृभाषा पहली होगी. जबकि दो अन्य भाषाएं वैकल्पिक होगी. ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग बांग्ला माध्यम से पढ़ाई करते हैं, उनकी पहली भाषा बांग्ला है.
जो लोग आठवीं कक्षा तक राजवंशी माध्यम से पढ़ाई करते हैं, उनकी पहली भाषा राजवंशी या अलचिकी है. इसी तरह से उर्दू, नेपाली, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि जो लोग हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते हैं, उनकी पहली भाषा हिंदी होनी चाहिए. इसके बावजूद ममता बनर्जी ने कहा कि हम किसी पर भी कुछ भी थोप नहीं रहे हैं.