वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया है, जिसे अंतरिम बजट कहना ही उपयुक्त होगा. बजट में नया कुछ भी नहीं है, लेकिन इस बजट के जरिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विकसित सामरिक भारत का विजन प्रस्तुत कर दिया है. रक्षा मंत्रालय को 6.20 लाख करोड़ मिला है.
इस बजट की कई विशेषताएं हैं. कई चुनौतियां भी हैं. कुछ पुराना, कुछ नया, तो कुछ ऐसा है जो सुनने में तो अच्छा लगता है. लेकिन उसे पूरा करना उतना ही कठिन है. पर इस बजट के जरिए निर्मला सीतारमण ने कदाचित यह दिखाने की कोशिश की है कि यह मोदी की गारंटी है. देश की जनता मोदी में भरोसा करती है. इसलिए नरेंद्र मोदी फिर से सरकार बनाएंगे और उसके बाद जुलाई में एक नया बजट प्रस्तुत किया जाएगा.
आमतौर पर देखा गया है कि जब-जब चुनाव का समय आता है, चाहे वह लोकसभा चुनाव हो या फिर राज्यों के विधानसभा के चुनाव, केंद्र में सत्ता में रही सरकार अक्सर लोक लुभावन बजट प्रस्तुत करती रही है और देश की एक बड़ी आबादी को राहत देने वाला बजट प्रस्तुत किया जाता रहा है.
इस साल लोकसभा के चुनाव होंगे. इसी महीने संभवत: केंद्रीय चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा कर सकता है. यह देखते हुए भी मोदी सरकार ने बजट में कुछ भी नया ऐलान नहीं किया है. किसी को ना संतुष्ट किया है और ना ही निराश. यह इशारा करता है कि मोदी सरकार दोबारा वापसी के लिए कितना आश्वस्त नजर आ रही है. यह भी कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से विपक्ष को झटका दिया है. जो विपक्षी पार्टियां यह सोच रही थी कि केंद्र सरकार चुनावी बजट पेश करेगी, वह भी हैरान रह गए हैं.
इतना भरोसा और इतनी निश्चिंतता क्यों है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार और खुद स्वयं पर? तो इसका कारण है देश में एक उपयुक्त वातावरण का निर्माण. हाल ही में अयोध्या में श्री राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में सनातनी संगठनों के लोग और देश की बहुसंख्यक आबादी खुश है. कुछ ही दिनों पहले खबर समय ने सिलीगुड़ी के मतदाताओं का मूड भांपने की कोशिश की थी. जब सिलीगुड़ी के लोगों से पूछा गया कि वे देश में अगला प्रधानमंत्री किसे चाहते हैं, तो अधिकांश लोगों ने नरेंद्र मोदी को ही अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जाहिर की है.
केवल सिलीगुड़ी का ही नहीं बल्कि उत्तरी भारत के विभिन्न प्रदेशों में कमोबेश यही स्थिति है. इन सभी का अध्ययन और विश्लेषण करने के बाद सरकार का यह अंतरिम बजट कहीं ना कहीं विकसित भारत के स्वप्न को ख़गालता प्रतीत हो रहा है. बजट की विभिन्न झलकियों और विकासात्मक रुख से भी प्रतीत हो रहा है कि यह जुलाई 2024 में प्रस्तुत होने वाले बजट की एक झलक मात्र है.