इंसान की सोच और कल्पना नियति के आगे फेल है. जब एक परिवार के लोग घूमने जाते हैं, तो कितना आनंद आता है! इसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है. खुशी, उमंग और उत्साह के बीच नियति कब कैसा रंग दिखा दे, यह कोई नहीं जानता है. सिक्किम घूमने आई उड़ीसा भाजपा महिला मोर्चा जनरल सेक्रेटरी इति श्री जना के परिवार में खुशियां ही खुशियां थीं. लगभग 11 सदस्यों का यह परिवार सिक्किम घूमने आया था और उत्तरी सिक्किम के पर्यटक स्थलों का दीदार करने गया था.
उत्तरी सिक्किम में जाने के रास्ते अत्यंत घुमावदार हैं. नीचे हजारों फीट गहरी तीस्ता नदी ऊपर से शांत लेकिन नीचे से कलकल करती बहती है. नदी के पानी में अंडर करंट होता है. सड़क के ऊपर से देखने से नदी काफी विकराल नजर आती है. इति श्री जना का परिवार पर्यटक स्थल की ओर जा रहा था. अचानक एक खतरनाक मोड़ पर वो हादसा हो गया, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. इस परिवार ने सोचा तक नहीं था कि दुर्भाग्य उनका पीछा कर रहा था. लाचेंग से लाछुंग की ओर बढ़ रही गाड़ियां अचानक ही दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं और उसके बाद यह परिवार बिखर जाता है.
जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस और प्रशासन को हुई, तुरंत ही पुलिस अधिकारी, बचाव दल, गोताखोर, राष्ट्रीय आपदा बल और स्थानीय तैराक पीड़ितों की मदद के लिए पहुंच गए. यह घटना बृहस्पतिवार की रात्रि में हुई और उस समय से लेकर अब तक परिवार के सदस्यों को ढूंढने का काम चल रहा है. अब तक दो व्यक्तियों को बचा लिया गया है और उनका इलाज गंगटोक के STNM अस्पताल में चल रहा है. घायलों में इतिश्री जना का छोटा बेटा भी शामिल है, जिनका इलाज चल रहा है. जबकि इस परिवार के आठ सदस्य अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.
अभी-अभी मिली जानकारी के अनुसार कुछ देर पहले ही तीस्ता नदी से पर्यटकों से भरा वाहन को गोताखोर दल ने बरामद कर लिया है. इस परिवार के बारे में अभी पूरा विवरण प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन स्थानीय प्रशासन और बचाव दल जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं, जल्द ही सफलता मिलेगी. पूरा प्रशासन रिकवरी के लिए प्रयास रत है.
इस दुर्घटना को केंद्र कर कई सवाल उठ रहे हैं. तीस्ता बाढ त्रासदी के बाद उत्तरी सिक्किम में सड़क, पुल और संपत्तियों की काफी क्षति हुई थी. बाद में प्रशासन ने उत्तरी सिक्किम को निर्माण कार्यों के लिए बंद कर दिया था. एक लंबे अरसे के बाद उत्तरी सिक्किम को पर्यटकों के लिए खोला गया. इस हादसे ने उत्तरी सिक्किम के नव निर्माण की पोल खोल कर रख दी है. जब यह हादसा हुआ था तो उस समय उत्तरी सिक्किम के मगन जिले में काफी बरसात हो रही थी. क्या बरसात का बोझ नव निर्मित सड़क संभाल नहीं सकी थी? या फिर चालक की लापरवाही हुई है? यह जांच का विषय जरूर है.
आमतौर पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा रात्रि के समय पर्यटक वाहनों से संबंधित पुलिस की ओर से विशेष गाइडलाइंस जारी किए जाते हैं. वाहन और पर्यटकों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम होते हैं. ऐसे में हादसा होने पर पर्यटक वाहनों की सुरक्षा के लिए क्या विशेष निर्देश जारी किए गए थे और क्या उन निर्देशों का पालन किया गया था? इस तरह के कई और सवाल हैं. क्या गाड़ियां जहां खड़ी हुई थी वहां पर्याप्त रोशनी का इंतजाम किया गया था पुलिस पता लगा रही है और मामले की तहकीकात में जुटी हुई है. इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री तमांग ने कहा है कि पूरा प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है. लापता लोगों की तलाश जारी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इति श्री जना का परिवार 2 दिन पहले ही सिक्किम घूमने आया था. यह भी जानकारी मिली है कि इति श्री जना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा में शामिल होने आई थी. लेकिन खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री की सभा बाद में स्थगित कर दी गई थी. अब तक इति श्री जना का कोई पता नहीं चला है. इस हादसे ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि उत्तरी सिक्किम क्या अब भी पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं है? सिक्किम सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी इस पर जरूर विचार करना चाहिए. खबर समय हादसे में लापता लोगों की कुशल बरामदगी और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता है.
हमारा मानना है कि उत्तरी सिक्किम में सुरक्षित पर्यटन के लिए एक सुंदर विकल्प की तलाश करनी चाहिए. क्योंकि इस क्षेत्र में सड़कों की भौगोलिक संरचना कुछ ऐसी है कि उसे एक समय में व्यवस्थित करना आसान नहीं है. ऐसे में इस क्षेत्र में घूमने आए पर्यटकों और वाहनों के सुरक्षित आवागमन के लिए संख्या को सीमित करने समेत अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए.