नए वर्ष के पहले दिन माँ तारा के मंदिर में लाखों की तादाद में भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं | देखा जाए तो माँ तारा का यह मंदिर बंगाल झारखंड के सीमा क्षेत्र रामपुरहाट से 8 किलोमीटर दूरी द्वारका नदी के तट पर स्थित है | यह एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां वर्ष भर लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग माँ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन आज नए वर्ष के पहले दिन यहां का नजारा कुछ और ही बना हुआ है लाखों की संख्या में श्रद्धालु कतार में खड़े होकर माँ तारा के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं | वहीं पौराणिक कथा की माने तो तारापीठ आद्या देवी शक्ति के अवतार मानी जाती है, इस स्थल की मान्यता यह भी है कि,जाग्रत शक्ति पीठ एवं तंत्रपीठ के रूप में माँ विराजमान है और देवी माँ अपने भक्तों की विनती शीघ्र सुनती है | माँ पर आस्था रखने वाले भक्त बिहार, बंगाल, झारखंड सहित देश के कोने-कोने से माँ के दर्शन हेतु आते हैं और पूजा अर्चना कर मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं | आज भी साल के पहले दिन माँ तारा के मंदिर में भक्तों का हजूम इकट्ठा हुआ है |
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