सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों से स्त्री पुरुषों के लापता होने की घटनाओं को मिर्च मसाला लगाकर उसे सनसनीखेज बना दिया जाता है. ऐसी वायरल हो रही घटनाएं और नहीं तो लोगों में आतंक जरूर पैदा करती है. खासकर महिलाएं आसानी से इसका शिकार हो जाती हैं. एक दिन पहले सिलीगुड़ी के डीसीपी दीपक सरकार द्वारा इस संबंध में स्पष्टीकरण देने और अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी देने के बाद आज फिर एक और घटना सिलीगुड़ी के 38 नंबर वार्ड स्थित संगति मोड पर घटी है.
मिली जानकारी के अनुसार संगति मोड़ स्थित अपने घर से निकल कर एक युवती टोटो में सवार होकर हैदरपारा बाजार जा रही थी. लगभग 200 मीटर आगे जाने के बाद अचानक युवती को एक अजीब सी गंध महसूस हुई. उसे लगा कि टोटो में कोई स्प्रे कर उसे बेहोश करना चाहता है. वह अचानक ही चीख उठी और टोटो चालक को गाड़ी रोकने का इशारा किया. टोटो चालक ने गाड़ी रोक दी. युवती टोटो से नीचे उतर गई. युवती की चीख पुकार के बाद वहां लोगों की भीड़ लग गई. सूचना पाकर सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर परिषद के सदस्य दुलाल दत्ता भी पहुंच गए. कुछ देर के बाद पुलिस भी वहां आ गई और घटना की तहकीकात में जुट गई.
लड़की के बयान की सच्चाई चाहे जो भी हो, देर सवेर पुलिस पता लगा ही लेगी. पर क्या ऐसा नहीं लगता कि सिलीगुड़ी शहर में टोटो के विरुद्ध प्रशासन से लेकर जनता तक में एक नकारात्मक वातावरण बन चुका है. आमतौर पर देखा जाता है कि जब नकारात्मकता व्यक्ति पर हावी होती है तो उसे सब कुछ नकारात्मक ही नजर आता है. छोटी-छोटी घटना असामान्य बन जाती है. इस का समर्थन मनोवैज्ञानिक भी करते हैं. नकारात्मकता किसी के लिए भी नुकसान देह है. जितनी जल्दी हो सके इससे बाहर निकलने की जरूरत है.
मौजूदा समय में टोटो के खिलाफ सिलीगुड़ी में एक नकारात्मक वातावरण निर्मित कर दिया गया है. लड़कियां स्वभाव से ही संवेदनशील होती हैं. टोटो के खिलाफ उनके मन में बैठे वहम के कारण ही ऐसी घटनाएं आज बहुधा हो रही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस जल्द ही सच्चाई का पता लगा लेगी. ऐसा नहीं है कि केवल महिलाएं नकारात्मकता का शिकार हुई है. पुरुषों पर भी इसका असर पड़ता नजर आ रहा है.
एक अन्य घटना में अपहरण के संदेह में लोगों ने एक युवक की पिटाई कर दी. यह घटना एनजेपी थाना के अंतर्गत जामुरीबिट्टा इलाके में घटी है. युवक आज सुबह एक बच्चे को कहीं ले जा रहा था. लोगों को लगा कि युवक बच्चे का अपहरण करना चाहता है. सच्चाई जाने बगैर ही कुछ लोगों ने युवक को घेर कर पकड़ लिया. और उसकी सामूहिक पिटाई कर दी. बाद में इस घटना की जानकारी एनजेपी पुलिस को हुई तो पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को अपनी हिरासत में लेकर थाना लौटी. युवक से पुलिस पूछताछ कर रही है.
क्या कारण है कि आजकल ऐसी घटनाएं बहुतायत हो रही हैं? अब तक की छानबीन अथवा जांच पड़ताल में पुलिस ने कहीं भी यह नहीं पाया कि टोटो चालक अपहरण अथवा लोगों को गायब करने की घटनाओं में संलग्न है. फिर क्या कारण है कि टोटो के खिलाफ एक नकारात्मक छवि तैयार हो रही है? अगर टोटो की भी बात ना करें तो शहर में कायम हो चुकी नकारात्मकता क्या व्यक्ति का भला कर रही है? नकारात्मकता किसी भी चीज की क्यों ना हो, हमेशा हानिकारक होती है.
इसे कैसे दूर किया जा सकता है, पुलिस ने कभी इस एंगल से विचार नहीं किया . केवल मीडिया में स्पष्टीकरण दे देने से यह नकारात्मकता दूर नहीं होती है. बल्कि समस्या के समाधान के लिए पुलिस को एक सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है. पुलिस के पास सभी संसाधन है. पुलिस प्रशासन को चाहिए कि अपने संसाधनों का उपयोग करे. जैसे माइकिंग करना, विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, अफवाहों से बचने के टिप्स और अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कदम. यह सभी वे उपाय हैं जिन्हें तुरंत पुलिस को अपनाने की जरूरत है. क्योंकि इसमें देरी होने अथवा पुलिस प्रशासन द्वारा मूकदर्शक की भूमिका निभाने से यह नकारात्मकता और हावी होती जाएगी और एक दिन ऐसा आएगा कि व्यक्ति अपने ही लोगों से दूर भागता नजर आएगा. बेहतर होगा कि पुलिस प्रशासन सिलीगुड़ी के नागरिकों के साथ मिलकर नकारात्मकता के खिलाफ एक सघन अभियान चलाए.
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