September 18, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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Sandakphu Trek से एक क्विंटल कचरा हटाया, एडवेंचर पसंद है तो प्रकृति का सम्मान करो, नहीं तो घर पर रहो !

One quintal of garbage removed from Sandakphu Trek, if you like adventure then respect nature, otherwise stay at home!

संदकफू ट्रेक, जिसे बंगाल की सबसे ऊँची चोटी और ट्रेकर्स का स्वर्ग कहा जाता है, अब “ज़ीरो वेस्ट ज़ोन” बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। 12 से 14 सितम्बर तक श्रीखोला डांडागाँव जीपी नेचर गाइड्स एसोसिएशन ने GTA पर्यटन विभाग के मार्गदर्शन में तीन दिवसीय स्वच्छता अभियान चलाकर यह दिखा दिया कि “ऊँचाई केवल पैरों से नहीं, नीयत से भी नापी जाती है।” जहाँ पर्यटक कुदरत का आनंद उठाते हुए एक तरफ कचरे का अम्बार लगा देते हैं , वहीं 7,000 फीट से 12,000 फीट की ऊँचाई पर 65 किलोमीटर तक असली सफाई सेना, स्थानीय गाइड और स्वयंसेवक, अपने हाथों से प्लास्टिक और कचरा समेटते दिखे।

एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित राई के अनुसार, अभियान के दौरान एक क्विंटल से ज्यादा प्लास्टिक और अन्य कचरा हटाया गया, जिसे सेपी में निस्तारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान सेपी से शुरू होकर श्रीखोला, डांडागाँव , समंदन, गोरखे , रम्मं , फालुट और थाकुम तक चला। 45 सदस्यों ने न केवल रास्ता साफ़ किया बल्कि बैनर लगाकर पर्यटकों और ट्रेकर्स को चेताया कि प्लास्टिक का उपयोग बंद करें और कचरा इधर-उधर न फेंकें। यह वही रास्ता है जो सिंगालिला नेशनल पार्क से होकर गुजरता है, जहाँ दुर्लभ लाल पांडा, हिमालयी काला भालू, तेंदुआ और असंख्य दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ रहती हैं। ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए यह मार्ग पहले ही “नेचर लवर्स का हॉटस्पॉट” कहलाता है, पर स्थानीय गाइड अब इसे “कचरा-रहित स्वर्ग” बनाने में जुट गए हैं। अमित राई का कहना है, “ट्रेकर्स को चाहिए कि वे प्लास्टिक प्रोडक्ट्स का उपयोग बंद करें। इससे हम एक वेस्ट-फ्री और प्लास्टिक-फ्री ज़ोन विकसित कर पाएँगे।”

ध्यान देने वाली बात यह है कि 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस पर GTA पर्यटन विभाग ने पूरे ट्रेकिंग रूट को वेस्ट-फ्री बनाने के लिए अभियान चलाया था और स्थानीय स्टेकहोल्डर्स को साथ लिया था। GTA पर्यटन विभाग के फ़ील्ड डायरेक्टर दावा ग्याल्पो शेरपा ने भी साफ़ कहा, “यह एक निरंतर प्रक्रिया है। सिंगालिला रेंज की समृद्ध जैव-विविधता और दुर्लभ प्रजातियों को देखते हुए हम स्थानीय स्टेकहोल्डर्स को जोड़कर क्षेत्र को वेस्ट-फ्री बनाएँगे।”
जहाँ बड़े-बड़े सम्मेलन और योजनाएँ केवल कागज़ों पर चलती हैं, वहाँ गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के ये स्थानीय गाइड बिना किसी प्रचार या फोटो -ऑप के ज़मीन पर उतरकर सफाई कर रहे हैं। जिस ऊँचाई पर पर्यटक घूमने के नाम पर गन्दगी और प्लास्टिक फैलाते हुए दिखतें हैं , उसी ऊँचाई पर ये गाइड कचरा बीनते हुए दिखते हैं और यही अंतर भी है, एक तरफ़ “लग्ज़री ट्रेकिंग” और दूसरी तरफ़ ज़िम्मेदारी पूर्ण ट्रैवेलिंग में।

इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि संदकफू की असली ऊँचाई उसके पैनोरमिक व्यू में नहीं बल्कि वहाँ के लोगों की सोच और समर्पण में है। अगर पर्यटक, ट्रेकर्स और प्रशासन सब मिलकर यही रुख़ अपनाएँ तो यह इलाका सिर्फ़ ट्रेकिंग मैप पर नहीं, बल्कि स्वच्छता और संवेदनशीलता के ग्लोबल मैप पर भी चमक सकता है।

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