October 8, 2025
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टोटो चालकों में हड़कंप! किराए पर टोटो नहीं चला सकेंगे!

Transport Minister's order - No Toto will run in Siliguri without QR code!

सिलीगुड़ी शहर में अबाध गति से बढते टोटो को कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने खूब सोच समझकर जो कदम उठाया है, उससे जानकार मानते हैं कि ट्रैफिक जाम के लिए जिम्मेदार टोटो खुद ब खुद कम हो जाएंगे. यानी सांप भी मरेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी.

परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार वही लोग टोटो चला सकेंगे, जिनके पास टोटो चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होगा. ड्राइविंग लाइसेंस को अनिवार्य किया गया है. पहले टोटो या ई रिक्शा चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं थी. कोई भी टोटो चला सकता था. अब केवल वही लोग टोटो चला सकेंगे, जिन्हें टोटो चलाने का लाइसेंस होगा और इसी लाइसेंस के आधार पर ही उनके टोटो या ई रिक्शा का पंजीकरण होगा.

परिवहन विभाग ने जो फरमान जारी किया है, जानकारों के अनुसार विभाग के नियमों का पालन केवल 5 से 10% ई रिक्शा चालक ही कर पाएंगे.क्योंकि यह नियम इतने सख्त हैं कि किसी भी ई रिक्शा चालक को उसे पूरा करना आसान नहीं होगा. इसमें कहा गया है कि केवल वही लोग पंजीकृत ई रिक्शा चला सकेंगे, जिसके नाम पर टोटो या रिक्शा पंजीकृत होगा. इसका मतलब यह है कि टोटो का मालिक ही टोटो चला सकेगा.

अब जरा इसकी जमीनी हकीकत भी देख लेते हैं. सिलीगुड़ी शहर में एक अनुमान के अनुसार लगभग 60 से 90% टोटो या ई-रिक्शा किराए पर चलते हैं. कमाई के लिए अनेक लोगों ने कई कई रिक्शे निकाल लिए हैं और किराए पर देकर चलवा रहे हैं. अगर नए नियम उन पर लागू होता है तो ऐसे में उन्हें केवल एक ई रिक्शा या टोटो ही रखना होगा और वह भी उन्हें खुद ही चलाना होगा. बाकी टोटो या ई रिक्शा को बंद कर देना होगा या बेच देना होगा. ऐसे में टोटो या ई रिक्शा खुद ही कम हो जाएगा.

अब तक टोटो चलाने के लिए किसी भी तरह के दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती. ना ही ट्रैफिक विभाग के द्वारा टोटो के दस्तावेज की जांच होती है. वे मनमाने तरीके से टोटो चलाते हैं. यह भी देखा गया है कि सिलीगुड़ी शहर में कई नाबालिग लड़के भी ई रिक्शा चलाते हैं. उनके पास ना तो ड्राइविंग लाइसेंस होता है और ना ही किसी तरह की उन्हें कोई जानकारी होती है. ऐसे लोग ही ट्रैफिक जाम और दुर्घटना के जिम्मेदार भी होते हैं

जहां तक ई-रिक्शा पंजीकरण का प्रश्न है, वर्तमान में सिलीगुड़ी शहर में जितने भी टोटो या ई रिक्शा चल रहे हैं, उनमें से लगभग 30 से 35% पंजीकरण ही उपलब्ध है. इसका मतलब यह है कि अगर 10000 ई रिक्शा सिलीगुड़ी शहर में चल रहे हैं तो उनमें से तीन या चार हजार ई रिक्शा का ही पंजीकरण हुआ है. सिलीगुड़ी क्षेत्रीय परिवहन के द्वारा उपलब्ध कराए गए data के अनुसार 2010 से लेकर 2025 तक 3261 ई रिक्शा का ही पंजीकरण हुआ है. तो क्या बाकी ई रिक्शा या टोटो बिना पंजीकरण के चल रहे हैं?

लाइसेंस की जमीनी हकीकत भी जान लेते हैं. आरटीओ के अनुसार 5 महीने में 600 से अधिक चालकों को ही ई रिक्शा लाइसेंस जारी किये गये हैं. इसी बात से समझ सकते हैं कि बिना लाइसेंस के हजारों टोटो सिलीगुड़ी शहर में चल रहे हैं. अब उन्हें टोटो या ई रिक्शा चलाना है तो उन्हें लाइसेंस लेना होगा, जिसमें कुछ कठिनाइयां भी आ सकती हैं.

अपने इस कदम से परिवहन विभाग ने यह संदेश दे दिया है कि सिलीगुड़ी शहर में चल रहे टोटो पर लगाम लगाने की पूर्व की सारी कोशिशे बेकार तो चली गई है पर अब ऐसा नहीं होगा. अतिरिक्त क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अधिकारी विश्वजीत दास कहते हैं कि परिवहन विभाग के इस कदम से ई-रिक्शा चालकों को ट्रैफिक नियमों के दायरे में लाकर सड़क सुरक्षा और अनुशासन को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा.

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि परिवहन विभाग के ताजा नियम व निर्देश कब से लागू होंगे. यह भी देखना होगा कि परिवहन विभाग का यह फार्मूला कारगर सिद्ध होता है या नहीं. या सिर्फ कागजों पर ही ये नियम चलेंगे?

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