भूकंप का नाम सुनते ही लोग दहशत में आ जाते हैं. दरअसल भूकंप से जान माल की भारी क्षति होती है. परंतु यह सब भूकंप की तीव्रता पर निर्भर करता है. नेपाल और पूर्वोत्तर इलाकों में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. हिमालय क्षेत्र के इलाकों में भी भूकंप आते रहते हैं. भूकंप से जान माल की भारी हानि होती है. पिछले 24 घंटे में 10 बार भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए हैं. भूकंप के झटको से तिब्बत से लेकर दिल्ली तक लोग सहमे हुए हैं.
इस बार भूकंप का केंद्र दिल्ली के पास बना रहा. इसलिए इस भूकंप में सबसे ज्यादा दिल्ली के लोग सहमे नजर आए. खबरों में बताया गया है कि सोमवार की सुबह दिल्ली और एनसीआर इलाके में उस समय लोग दहशत में आ गए, जब सुबह 5:37 पर धरती लगभग 10 सेकंड तक डोलती रही. दिल्ली और एनसीआर इलाके में यह समय लोगों के सोने का होता है, इसलिए उन्होंने भूकंप के झटके को महसूस किया है.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने भूकंप की तीव्रता 4.0 बताई है. इस तीव्रता के भूकंप के झटको में कंपन को साफ महसूस किया जा सकता है. जैसे ही सुबह 5:37 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, लोग चीखते हुए अपने अपने घरों से निकल कर बाहर आ गए. यह कंपन सर्वाधिक इसलिए महसूस किया गया, क्योंकि भूकंप का केंद्र दिल्ली के पास ही धरती से 5 किलोमीटर की गहराई में था.
सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर दिल्ली और तिब्बत के भूकंप के झटको को दिखाया जा रहा है. कई ऐसे वीडियो ट्रेंड कर रहे हैं, जिससे भूकंप की तीव्रता और लोगों में दहशत को देखा जा सकता है. हालांकि उसकी विश्वसनीयता पर संदेह भी है. क्योंकि उनमें से कुछ वीडियो पुराने हो सकते हैं. जो भी हो, दिल्ली में आए भूकंप से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं.
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और तिब्बत में आए भूकंप को लेकर सोशल मीडिया x पर पोस्ट किया है. उन्होंने दिल्ली और एनसीआर के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा है कि वह सुरक्षा और सावधानियों का पालन करें. इसके अलावा अधिकारियों को भी स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है. दरअसल जब भी भूकंप आता है तो यह कई बार आता है और भूकंप के झटके से लोग दहशत में आ जाते हैं.
प्रकाशित खबरों के अनुसार तिब्बत में रविवार को कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का पहला झटका तिब्बत में 3:52 पर आया था. उसके बाद दूसरा झटका 8:59 पर.जबकि तीसरा झटका 9:58 मिनट पर महसूस किया गया. इसी तरह से चौथा भूकंप का झटका 11:59 पर लोगों ने महसूस किया. भूकंप के इन झटकों की तीव्रता 3:50 से लेकर 4.50 तक मापी गई है. तिब्बत के भूकंप के झटको को देखते हुए दिल्ली में लोग दहशत में आ गए हैं.
जिस तरह से हिमालय वाले क्षेत्र पूर्वी क्षेत्र में बार-बार भूकंप आते हैं, ठीक उसी तरह से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भूकंप के खतरे के पीछे तीन मुख्य कारण बताए जाते हैं. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हिमालय टकराव जोन से केवल 250 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस क्षेत्र में लगातार भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं, जिससे भूकंप का खतरा बढ़ता है. फॉल्ट लाइंस का प्रभाव भी इस क्षेत्र में भूकंप के झटको को जन्म देता है. इस इलाके में तीन प्रमुख फॉल्ट लाइंस गुजरती है. इसके अलावा दिल्ली, एनसीआर भूकंप के चौथे जोन में आता है, जो अत्यधिक जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है.
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