January 31, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

पुलिस ‘डाल-डाल’ तो शराब तस्कर ‘पात-पात’! ऐसे में कैसे रुकेगी शराब की तस्करी?

इन दिनों सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस आए दिन शराब तस्करी के खिलाफ अभियान चला रही है. अवैध शराब के साथ-साथ छोटे-मोटे तस्कर या कैरियर भी पकड़े जाते हैं. वर्तमान में सिलीगुड़ी से बिहार में शराब तस्करी का धंधा जोरो से चल रहा है. बिहार में शराब पर 2016 से ही प्रतिबंध है.लेकिन इसके बावजूद बिहार में सब जगह चोरी छिपे शराब मिल जाती है. शराब तस्कर ही सिलीगुड़ी से बिहार में शराब की आपूर्ति करते हैं. इसके लिए एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए शराब तस्कर ऐसे ऐसे फॉर्मूले अपना रहे हैं, जहां पुलिस भी हाथ डालने से बचती है.

पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की नजर बिहार जाने वाली तीव्रगामी स्लीपर बसों पर है. पुलिस ने लगातार छापेमारी कर इन स्लीपर बसों से काफी मात्रा में अवैध शराब जब्त की है. इससे शराब तस्करों को भारी नुकसान हुआ है. अब उन्होंने शराब तस्करी का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है. वे शराब की पेटियों को कोलकाता या झारखंड जाने वाली बसों से भेज रहे हैं. दालखोला बस स्टैंड पर तस्करों के लोग रहते हैं, जो बसों से शराब की पेटियों को उतार लेते हैं और वहां से बिहार में भेजने के लिए या तो निजी वाहन जैसे ट्रैक्टर या निजी कार या ऐसे वाहन जिस पर पुलिस को संदेह नहीं हो, भेज देते हैं या फिर शराब की इन पेटियों को बिहार जाने वाली बसों में ही विशेष डिकी में रखवा देते हैं.

सिलीगुड़ी से खुलने वाली बिहार जाने वाली बसें आमतौर पर दालखोला रात्रि 8:00 बजे के बाद ही पहुंचती है. वहां बस लगभग आधा घंटा या 1 घंटा रूकती है. क्योंकि वहां यात्रियों को खाना खिलाने का समय दिया जाता है. इस दौरान सिलीगुड़ी से लाई गई अवैध शराब की पेटियों को बस से उतार कर दूसरी बस में लोड कर दी जाती है. इस कार्य में स्थानीय तस्करों का पूरा सहयोग रहता है. फिर जब गाड़ी वहां से खुलती है तो गाड़ी में तस्कर के लोग भी सवार रहते हैं, जो गंतव्य स्थल तक जाते हैं. हालांकि अगर खुफिया सूचना पर पुलिस छापे की कार्रवाई भी करती है, तब भी बस में सवार तस्कर पकड़े नहीं जा सकते हैं. क्योंकि छापेमारी में बरामद शराब पर किसी का दावा नहीं होता.

तस्करों का जो नेटवर्क रहता है, यह काम बड़ी सफाई से करता है. वे पुलिस पर गहरी नजर रखते हैं. हर 10-15 दिन पर शराब तस्करी के पुराने तरीके को बदल देते हैं और नए तरीके पर कार्य शुरू कर देते हैं. जबकि पुलिस अपने सीमित संसाधनों के चलते पुराने तरीके से ही छापेमारी करती है. यही कारण है कि शराब तस्करी के एकाध मामले ही पुलिस की नजर में आते हैं. चर्चा तो यह भी है कि दालखोला से बिहार जाने वाली बसें आगे बढ़ती है तो मुजफ्फरपुर, दरभंगा, हाजीपुर,पटना अथवा जहां भी शराब की खेप भेजनी होती है, वहां स्थानीय पुलिस से तस्करों की सांठ गांठ रहती है. पुलिस को तस्करों से पैसा भी मिलता है. इसलिए पुलिस भी आंख मूंदे रहती है.

सूत्रों ने दावा किया कि बिहार में अवैध रूप से नकली और देसी शराब की तस्करी नक्सलबाड़ी, खोड़ीबाड़ी और फांसी देवा इलाके से की जाती है. यहां शराब निर्माण की कई भटिया चलाई जा रही हैं. जब पुलिस को पता चलता है तो पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर यहां की भट्टियों को ध्वस्त कर देते हैं. लेकिन पुलिस के जाने के तुरंत बाद ही फिर से एक नई भट्टी तैयार हो जाती है. पुलिस जिन लोगों को पकड़ती है, उन्हें तो पता भी नहीं रहता कि इस धंधे के पीछे कितने लोगों का हाथ है.

सूत्रों ने दावा किया कि शराब की तस्करी के धंधे में जो लोग शामिल रहते हैं, वह सुबह ही सिलीगुड़ी पहुंच जाते हैं और सिलीगुड़ी जंक्शन के आसपास होटलो में रुकते हैं. यहां शराब के अनगिनत ठेके हैं. इन ठेकों से माल होटल में पहुंचाया जाता है. होटल में ही शराब की पैकिंग की जाती है. ट्रॉली, बैग आदि में शराब की बोतलों को भरा जाता है और उसके बाद कोलकाता, झारखंड, मालदा आदि बसों में लोड कर दिया जाता है. इन बसों से माल को दालखोला में ही उतारा जाता है. शराब की पेटियों को बस में लदवाने के बाद तस्कर सिलीगुड़ी से बसो या अन्य साधनों से अपने गंतव्य को रवाना हो जाते हैं.

सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारी इस पूरे मामले पर कहते हैं कि पुलिस शराब तस्करी के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. सिलीगुड़ी पुलिस के डीसीपी बीसी ठाकुर के अनुसार सिलीगुड़ी जंक्शन बस स्टैंड पर लगातार चलाए जा रहे अभियान के कारण एक महीने में लाखों रुपए की अवैध शराब बरामद की गई है. इसके अलावा कई तस्करो को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि तस्कर कितना भी शातिर क्यों ना हो, पुलिस और कानून से वे बचे नहीं रह सकते. तस्करों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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