मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं. आज वह दूधिया में थीं. उन्होंने उत्तर बंगाल में बाढ़ के लिए सिक्किम और भूटान को जिम्मेदार ठहराया है. मुख्यमंत्री ने दूधिया में आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों के बीच चेक का वितरण किया. उन्होंने घोषणा की है कि मात्र 15 दिनों के अंदर दूधिया में एक अस्थाई ब्रिज का निर्माण कर दिया जाएगा. उन्होंने दूधिया में मानव सेवा में लगे कर्मियों एवं सिविल डिफेंस के लोगों का आभार भी व्यक्त किया है.
मुख्यमंत्री के साथ जीटीए प्रमुख अनीत थापा, सिलीगुड़ी के पूर्व कमिश्नर आईपीएस अधिकारी गौरव शर्मा, सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, राज्य मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे. दूधिया में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. मुख्यमंत्री ने दूधिया के लोगों का दुख हल्का करने की कोशिश की और सिक्किम को कोसने में पीछे नहीं हटी. उन्होंने कहा कि सिक्किम में 14 हाइडल प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति कैसे दी गई? मुझे आज तक समझ में नहीं आया है.
उधर मुख्यमंत्री की नागराकाटा की घटना को लेकर पीएम के पोस्ट पर दी गई x पर कड़ी प्रतिक्रिया भी सुर्खियों में है. नागराकाटा में भाजपा नेताओं, विधायक शंकर घोष और उत्तर मालदा के सांसद खगेन मुर्मू पर हुए जानलेवा हमले के बाद केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है. बता दे कि नागराकाटा में पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटने गए शंकर घोष और खगेंद्र मुर्मू पर भीड़ ने पत्थरों, लाठी ड॔डों आदि से हमला किया था. इस घटना में खगेन मुर्मू बुरी तरह लहूलुहान हो गए थे.
इस घटना की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ रही है. लोग अचंभित है कि आखिर आपदा पीड़ितों की मदद करने के लिए गए भाजपा नेताओं पर हमले का औचित्य क्या था. यह बात राज्य भाजपा के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं को भी खटकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारे भाजपा नेताओं पर हमला तृणमूल कांग्रेस की असंवेदनशीलता और राज्य की दयनीय कानून व्यवस्था को दर्शाता है.
इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की सेवा करने वाले हमारे सांसद और विधायक पर जिस तरह से हमला किया गया, उसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि काश! पश्चिम बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ऐसी चुनौती पूर्ण स्थिति में हिंसा करने की बजाय लोगों की मदद पर ज्यादा ध्यान देती!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ट्वीट के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की बात सुननी चाहिए, ना कि अपने पार्टी के नेताओं की. उन्होंने कहा कि आप भारत के प्रधानमंत्री हैं. केवल भाजपा के प्रधानमंत्री नहीं है. आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं. आपको ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बेवजह प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर संवैधानिक लोकाचार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष बाढ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए नागरा काटा गए थे. इसी दौरान भीड़ ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया. इसमें दोनों नेता घायल हो गए. खगेन मुर्मू तो बुरी तरह घायल हो गए थे. इस घटना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करने पर मजबूर कर दिया.
प्रधानमंत्री के पोस्ट पर ममता बनर्जी ने x पर एक विस्तृत बयान जारी करके कहा है कि जब उत्तर बंगाल में लोग विनाशकारी बाढ और भूस्खलन के बाद काफी चुनौती पूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं, वैसे समय में प्रधानमंत्री ने उचित जांच का इंतजार किए बिना एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण किया है. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि जब प्रशासन और पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे, तब भाजपा नेताओं ने बड़ी संख्या में कारों के काफिले के साथ और केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में प्रभावित क्षेत्रों में जाने का फैसला किया और वह भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को कोई सूचना दिए बिना.
ममता बनर्जी ने प्रश्न किया है कि इस घटना के लिए राज्य प्रशासन, स्थानीय पुलिस या तृणमूल कांग्रेस को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है? मुख्यमंत्री के इस तर्क को आप कैसे देखते हैं? क्या इस त्रासदी का राजनीतिकरण किया जा रहा है? कमेंट करना ना भूलें.