बुधवार यानी शिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ का समापन हो गया,अनुमान लगाया जा रहा है कि, इस महाकुंभ में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई | प्रयागराज जो 17 लाख की आबादी वाला शहर है और इस प्रयागराज ने दुनिया के सबसे बड़े आयोजन के मेजबानी करने का रिकॉर्ड बनाया है | यह ऐसा रिकॉर्ड है जो लोगों के आस्था से जुड़ा है, जहां अमीर-गरीब, नेता-अभिनेता खिलाड़ी सभी ने भेदभाव छोड़कर संगम में डुबकी लगाई | देखा जाए तो 13 जनवरी से शुरू हुए इस 45 दिनों के महाकुंभ में कुछ अप्रिय घटना भी घटी हुए , जिसमें कई श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, प्रयागराज में ही कई बार अग्निकांड की घटना घटित हुई, लेकिन प्रशासन की सतर्कता के कारण अग्निकांड में समय रहते ही काबू पा लिया गया | वहीं मौनी अमावस्या 29 और 30 जनवरी की दरमियां लगभग रात के 2:00 बजे प्रयागराज में भगदड़ मची, प्रशासन की ओर से हादसे के लगभग 16 घंटे बाद 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु और 60 लोग घायल होने की पुष्टि की गई थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को लेकर गंभीर संवेदनाएं जाहिर करते हुए, भगदड़ में मृतकों के परिवार और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा की थी |
देखा जाए तो इस महाकुंभ ने भक्तों को सभी भेदभाव भूलकर एक ही कतार में खड़ा कर दिया था | एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री व विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे, कई फ़िल्मी सितारे,अभिनेता-अभिनेत्री भी इस आस्था से जुड़े महाकुंभ में स्नान किया | इन बड़े-बड़े नेता, अभिनेता और सेलिब्रिटियों के लिए तो महाकुंभ तक पहुंचना आसान ही था, लेकिन इस के रास्ते तो जरूरतमंद लोगों के लिए कठिन थे | बसों और ट्रेनों में खचाखच भरकर अपनी सुख सुविधाओं को भूलकर श्रद्धालु महाकुंभ की ओर बढ़ते जा रहे थे, ऐसे करोड़ों श्रद्धालु थे जिनके सिर पर सिर्फ महाकुंभ में स्नान करने का धुन सवार था और वह किसी भी तरह महाकुंभ में पहुंचना चाहते थे, विभिन्न तरह की कठिनाइयों को झेलते हुए करोड़ों भक्त प्रयागराज से महाकुंभ तक पहुंचे और वहां आस्था की डुबकी लगाई |
कल शिवरात्रि में यहां अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ का समापन हो गया और इस 45 दिनों के महाकुंभ में प्रयागराज ने मेजबानी का नया रिकॉर्ड बनाया | इस 45 दिनों में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने यहां स्नान किया | श्रद्धालुओं ने व्यवस्थाओं को लेकर प्रयागराज की तारीफ की, क्योंकि एक शहर जहां 17 लाख की आबादी है उस शहर में 45 दिनों के अंदर 66 करोड़ लोगों का पहुंचना, यह इतना आसान नहीं | पुलिस प्रशासन ने भी प्रयागराज महाकुंभ में एक अलग रिकॉर्ड बनाया, जहां करोड़ों की तादाद में भक्त वहां पहुंच रहे थे, वैसे वैसे पुलिस प्रशासन की भी जिम्मेदारियां बढ़ रही थी, इस महाकुंभ में पुलिस प्रशासन, विभिन्न संस्थाओं, पुलिस बल, सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों ने पूरे समर्पण के साथ अपने कर्म को निभाया और इस महाकुंभ को सफल होने में बहुत बड़ा योगदान दिया | लोगों की भीड़ के बीच पुलिस ने भी अपने धैर्य और समर्पण की मिसाल कायम की | ‘यह प्रयागराज पुलिस है इसको हल्के में ना ले’ इस पंक्तियों को प्रयागराज पुलिस ने फिर सच साबित कर दिखाया | प्रयागराज पुलिस के समर्पण और धैर्य की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है | 26 फरवरी शिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ का समापन हो गया, लेकिन उसके बावजूद यहां श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि, महाकुंभ के समाप्त होने के बाद भी यहां लाखों की संख्या में भक्त आ रहे है और सड़क जाम की स्थिति बानी हुई है |
संगम स्नान करने वालों की संख्या अब भी 10 से 15 लाख बताई जा रही है | इसी के मद्देनजर संगम पर साफ-सफाई, शौचालय, प्रकाश सुरक्षा आदि की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी | गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित भी किया, साथ ही पुलिस कर्मियों को आभार भी व्यक्त किया और उन्होंने महाकुंभ के समाप्त होने की भी घोषणा की |
अब महाकुंभ के समापन के बाद सवाल यह है कि,अगले कुंभ का आयोजन कब और कहाँ होगा | जानकारी के लिए बता दे कि,प्रयागराज में महाकुंभ के समापन के बाद अगला कुंभ हरिद्वार में गंगा तट पर लगेगा और इसे अर्ध कुंभ के नाम से जाना जाएगा जो की 2 साल बाद यानी 2027 में आयोजित होगा | सरकार के आदेश पर हरिद्वार के सरकारी अधिकारियों ने ‘अर्धकुंभ 2027’ की तैयारियों के संबंध में बैठक की, जानकारी भी मिल रही है | महाकुंभ के सफलतापूर्ण संपन्न होने से देश में आस्थापूर्ण ऊर्जा संचालित हो चुकी है और जो श्रद्धालु इस महाकुंभ में किसी कारणवश नहीं पहुंच पाए वे अर्धकुंभ की तैयारी में जुट गए है |
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