भारतीय मौसम विज्ञान का पूर्वानुमान पूरी तरह सत्य साबित हुआ है. उत्तर बंगाल समतल से लेकर पहाड़ और सिक्किम में तेज हवाओं के बीच लगातार बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है. पहाड़ में सर्वाधिक क्षति हुई है. भूस्खलन के कारण सिलीगुड़ी से पहाड़ को जाने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं. समतल से लेकर पहाड़ तक चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग सब जगह तूफान और बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ाई है.
अलीपुर मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कालिमपोंग आदि जिलों में भारी बारिश होगी. इन जिलों के लिए मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट भी जारी किया गया था. सिक्किम के लिए भी रेड अलर्ट घोषित किया गया था. मौसम विभाग का पूर्वानुमान पूरी तरह सत्य साबित हुआ. पिछली रात से जारी वर्षा और तूफान ने एक तरफ जहां सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में नारकीय स्थिति उत्पन्न कर दी है, कई महत्वपूर्ण इलाके जल में डूबे हुए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पहाड़ में भूस्खलन और बारिश ने यातायात के साथ-साथ लोगों के घरों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया है.
सितंबर का आखिरी हफ्ता सिलीगुड़ी, समतल और पहाड़ पर भारी पड़ा है. लगातार गर्मी और उमस से बेहाल सिलीगुड़ी के लोगों ने कल्पना तक नहीं की थी कि बारिश और तूफान का ऐसा मंजर देखने को मिलेगा जहां उनकी रूह तक कांप जाएगी. सिलीगुड़ी के लगभग सभी वार्डों में जल जमाव देखने को मिला. इसके अलावा बस्ती क्षेत्रों में कई स्थानों पर पेड़ धराशाई हो गए. बागडोगरा बिहार मोड में तो इस कदर जल जमाव हुआ कि जैसे वहां समंदर का पानी फैल गया हो.
गंगानगर, खालपारा, नया बाजार, महावीर स्थान, हिलकार्ट रोड, सेवक रोड, विधान मार्केट, सिलीगुड़ी के निचले इलाके, चंपासारी, देवीडांगा सब जगह बारिश ने लोगों के रोजगार और रोजमर्रे के कार्यों को अस्त व्यस्त कर दिया. कई इलाकों में तो सुबह के समय जल जमाव के कारण सड़क तक नजर नहीं आई. सितंबर की बारिश ने आज सिलीगुड़ी के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया. रास्ता बंद होने तथा वाहनों के नहीं चलने से पहाड़ से लोग खरीदारी करने के लिए सिलीगुड़ी नहीं आए. लोग अपने घरों से बहुत कम निकले. बारिश के चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि दोपहर के बाद स्थिति में कुछ सुधार देखा गया.
सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग, सिक्किम, कालिमपोंग आदि स्थानों पर जाने वाले महत्वपूर्ण मार्गों को लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते काफी क्षति पहुंची है. नेशनल हाईवे 10 बंद कर दिया गया है. आज सुबह बिरिकदारा और गरेरी खोला में भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे 10 को सुरक्षा कारणो से बंद कर दिया गया और प्रशासन की ओर से वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी गई. गरेरीखोला में बड़े-बड़े बोल्डर पहाड़ों से गिरे. हालांकि प्रशासन की ओर से बारिश के बीच ही मलबे हटाने का काम भी चलता रहा.
दूधिया पानी घटा में भूस्खलन हुआ है. इसके चलते महत्वपूर्ण मार्ग को आधा घंटा के लिए बंद कर दिया गया. जब पानी घाटा और बीपी पुलिस ने मिलकर मलबा को साफ किया. उसके बाद ही रोड यातायात के लिए शुरू किया गया. इसी तरह से घूम सुखिया पोखरी रोड भी लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया. यहां पर कई मकानों को नुकसान पहुंचने की भी खबर है. मिरिक रोड पर भी बारिश ने अपना असर डाला है. दार्जिलिंग, मिरिक, कालिमपोंग, कर्सियांग आदि शहरों में भी बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया.
पहाड़ और समतल में लगातार बारिश के चलते नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. महानंदा, जल ढाका आदि नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है. नौकाघाट के पास महानंदा नदी उमड़ रही है. इसके अलावा सिक्किम और उत्तर बंगाल की महत्वपूर्ण नदी तीस्ता नदी भी खतरनाक वेग धारण कर चुकी है. लोगों को नदी के तट पर नहीं जाने की सलाह दी गई है. इस तरह से गुजर रहे महीने की बारिश ने जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है. यह बारिश आर्थिक, सामाजिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से नुकसानदेह साबित हुई है.