केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राज्य मंत्री अजय टम्टा के राजू बिष्ट को लिखे गए पत्र ने सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग की राजनीति को गरमा दिया है. यह चर्चा शुरू हो गई है कि सिलीगुड़ी में रिंग रोड और दार्जिलिंग को जाने वाले वैकल्पिक हाईवे का निर्माण, जो दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और अखिल भारतीय भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, को फलक मिलने जा रहा है.
अजय टम्टा ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि दार्जिलिंग शहर से तीस्ता भाया लेबोंग और दबाईपाणि वैकल्पिक सड़क संपर्क का डीपीआर तैयार करने हेतु सलाहकार समिति बनाई जा चुकी है किया जा चुका है और आगे की कार्रवाई चल रही है. उन्होंने राजू बिष्ट को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जहां तक सिलीगुड़ी में रिंग रोड का प्रश्न है, तो प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार राज्य सरकार से प्रस्तावित मार्ग को लेकर उत्तर का इंतजार कर रही है. इसके बाद ही इस पर काम आगे बढ़ाया जाएगा.
आपको याद होगा कि कुछ समय पहले सांसद राजू बिष्ट खबर समय के लोकप्रिय कार्यक्रम लेटेस्ट टॉक में अपना पक्ष रखने आए थे,तब उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सिलीगुड़ी में रिंग रोड और दार्जिलिंग पहाड़ के लिए वैकल्पिक सड़क संपर्क की चर्चा करते हुए कहा था कि इस पर डीपीआर का काम शुरू हो चुका है. आज यह जमीनी हकीकत लेता प्रतीत हो रहा है.
राजू विष्ट ने कहा था कि सिलीगुड़ी के चारों तरफ रिंग रोड का निर्माण उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है. उनके अनुसार सिलीगुड़ी के चारों तरफ 160 किलोमीटर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा. रिंग रोड के दायरे में उदलाबाड़ी, सेवक बाजार,पानीघटा, नक्सलबाड़ी, पानी टंकी, घोषपुकुर, आदि आएंगे. प्रस्तावित रिंग रोड एयरपोर्ट के पीछे से फुलबाडी तक चला जाएगा. इससे सिलीगुड़ी में जाम की समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी. क्योंकि बाहर से आने वाली गाड़ियां शहर में प्रवेश किए बगैर रिंग रोड से होकर दूसरे राज्यों में निकल जाएंगी.
आपको बता दें कि सांसद राजू विष्ट ने लोकसभा में दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के लिए वैकल्पिक सड़क, रिंग रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे को उठाया था, जिस पर सरकार ने संज्ञान लिया है. संबंधित विभाग के राज्य मंत्री के द्वारा बिष्ट को लिखा गया पत्र इसका संकेत भी है. अब देखना होगा कि सरकार उनके ड्रीम प्रोजेक्ट की प्रक्रिया को कब तक शुरू करती है और इसका सिलीगुड़ी तथा दार्जिलिंग की जनता को कितना लाभ मिलेगा.
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