November 21, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

पहाड़ में ममता बनर्जी का खून का रिश्ता जुड़ते ही 132 करोड़ रुपए मंजूर!

पहाड़ के लोग जरूर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे होंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनका खून का रिश्ता जुड़ गया है. नए साल से पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार के द्वारा पहाड़ के विकास के लिए 132 करोड रुपए की राशि मंजूर कर दी गई है. इस राशि का उपयोग पंचायती व्यवस्था को सुदृढ करने में लगाया जाएगा.

Gta के गठन के बाद पहाड़ में कुछ ऐसी व्यवस्था लंबे समय तक नहीं थी, जहां पहाड़ के लोगों का संपूर्ण विकास हो सके. इसके लिए पंचायत की व्यवस्था जरूरी थी. 23 साल के बाद पहाड़ में दो स्तरीय पंचायत चुनाव हुए. इस पंचायत चुनाव में अनित थापा की पार्टी को सबसे बड़ी सफलता मिली और अधिकांश जगहों पर उनके उम्मीदवार चुने गए. पंचायत चुनाव के बाद बोर्ड का भी गठन हो गया. लेकिन समस्या यह थी कि फंड कहां से आए. क्योंकि बगैर फंड का विकास के कार्य हो ही नहीं सकते.

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहाड़ दौरे पर आई तो अनित थापा ने फंड की समस्या उनके सामने रखी थी. यह भी कहा था कि पहाड़ी लोगों का बुनियादी विकास तभी संभव हो सकता है, जब राज्य सरकार पहाड़ की पंचायत के लिए अलग से फंड की व्यवस्था करे. यह देखा भी गया है कि दार्जिलिंग तथा कालिमपोंग में पंचायत का तो गठन हो गया लेकिन यह सिर्फ औपचारिकता मात्र था. क्योंकि आज भी वहां लोग पहले की तरह ही आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.

अब ऐसा लगता है कि दार्जिलिंग तथा कालिमपोंग ग्राम पंचायत के लोगों की परेशानी का अंत होने जा रहा है. जीटीए हालांकि अपनी तरफ से पहाड़ के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने का भरपूर प्रयास कर रहा है, किंतु फंड सबसे बड़ी समस्या है, जो GTA के पास उपलब्ध नहीं है. राज्य सरकार ने 132 करोड़ रुपए केवल पहाड़ की ग्राम पंचायत का विकास करने के लिए जारी करके एक तरह से जीटीए और पहाड़ के लोगों पर भारी उपकार किया है. इन 132 करोड रुपए में से 58 करोड़, 16 लाख, 16 हजार रुपए सशर्त निधि के रूप में जारी किए गए हैं. जबकि 73 करोड़ 57 लाख और 80 हजार रुपए बिना सशर्त निधि के रूप में उपयोग किया जा सकेगा.

केवल इतना ही नहीं राज्य सरकार की ओर से पहाड़ के लिए अलग से 75 करोड रुपए भी देने की घोषणा की गई है. इस तरह से कहा जा सकता है कि पहाड़ से मुख्यमंत्री का खून का रिश्ता जुड़ने के बाद पहाड़ के लोगों को इसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया है. हालांकि जानकार मानते हैं कि केवल फंड उपलब्ध करा देने से ही पहाड़ का विकास नहीं हो जाएगा. इसके लिए जरूरी है कि राज्य के दूसरे हिस्सों की तरह ही पहाड़ में भी त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था और जिला परिषद का गठन हो. लेकिन इसकी चाबी तो केंद्र सरकार के पास है.

पहाड़ के लोगों का संपूर्ण विकास हो सके, इसके लिए जरूरी है कि न केवल राज्य सरकार की ही कृपा प्राप्त हो, बल्कि इसके साथ-साथ केंद्र सरकार भी मेहरबान हो. फिलहाल पहाड़ के लोग इन दोनों ही झूले में झूल रहे हैं.राज्य सरकार ने फंड तो उपलब्ध करा दिया है पर इस फंड का दुरुपयोग नहीं हो, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है. जो भी हो, चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ के लिए अलग से फंड जारी करके एक दूर की चाल चल दी है. और इसे पहाड़ के क्षेत्रीय राजनीतिक दल और दूसरी राष्ट्रीय पार्टियां भी अच्छी तरह समझती है.

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