केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगली सरकार और स्थाई सरकार के सेंटीमेंट से शेयर बाजार पिछले तीन दिनों से बम-बम है. सेंसेक्स अब तक के सबसे सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया है. 3 जून को बाजार ने एग्जिट पोल के रुझान के बाद जिस ऊंचाई को छुआ था, अब वहां से भी आगे निकल चुका है. आज कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1618 अंकों की बढ़त के साथ 76693 के स्तर पर बंद हुआ, तो वहीं निफ्टी ने 468 अंक की तेजी के साथ 23290 के स्तर पर को छू लिया.
शेयर बाजार में मतगणना के दिन 4 जून को ऐतिहासिक गिरावट देखी गई थी. निवेशकों ने 30 लाख करोड रुपए गंवा दिए थे. राहुल गांधी को लगता है कि निवेशकों को डुबाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का हाथ है. उन्होंने तो सीधे-सीधे कहा है कि यह एक घोटाला है और इस घोटाले में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल थे. दरअसल इन दोनों ही नेताओं ने अपनी रैलियों और इंटरव्यू में कहा था कि 4 जून को शेयर बाजार में भारी उछाल आएगा. इतना भारी उछाल आएगा कि अब तक उसे नहीं देखा गया. घरेलू निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयान से प्रभावित होकर जमकर खरीदारी की थी.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि इन दोनों नेताओं ने जिस टीवी चैनल को अपना इंटरव्यू दिया था, वह एक उद्योगपति का चैनल है. राहुल गांधी ने सवाल किया है कि 5 करोड़ आम निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने की आपने सलाह क्यों दी. उन्होंने यह भी सवाल किया है कि अदानी समूह के मीडिया हाउस को ही इंटरव्यू क्यों दिए गए, जिन पर सेबी की जांच चल रही है. उन्होंने प्रश्न किया कि झूठे एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के साथ भाजपा के क्या रिश्ते हैं. राहुल गांधी ने कहा है कि उन लोगों की भी जांच होनी चाहिए जिन्होंने इस घोटाले से पैसा कमाया.
सिलीगुड़ी में भी अनेक निवेशकों ने शेयर बाजार में जमकर खरीदारी की थी. अनेक निवेशकों ने रातों रात करोड़पति बनने के चक्कर में अपनी जिंदगी भर की कमाई दांव पर लगा दी थी. क्योंकि उन्हें भी लग रहा था कि शेयर बाजार नई उड़ान भरेगा. इसलिए अनेक निवेशकों ने अपनी जमा पूंजी शेयर बाजार में लगा दी थी. लेकिन 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. यह अलग बात है कि सिलीगुड़ी के निवेशक राहुल गांधी के बयान से सहमत होते हैं या नहीं. हालांकि घोटाले को लेकर राहुल गांधी ने मीडिया के सामने दावा भी कर दिया है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि 4 जून को जिस तरह से बाजार में उतार चढ़ाव हुआ, वह सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला है. इस घोटाले में नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह शामिल हैं. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को चुनाव नतीजे की असलियत पता थी. मगर मीडिया चैनलों पर झूठ एग्जिट पोल के सहारे शेयर बाजार घोटाले को अंजाम दिया गया. इसमें आम निवेशकों के 30 लाख करोड रुपए डूब गए. उन्होंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री की कथित भूमिका की संयुक्त संसदीय समिति से जांच करने की मांग की है.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री के बयानों का उल्लेख करके यह कहा है कि शेयर बाजार में सोची समझी साजिश के तहत घोटाला किया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि 13 मई को अमित शाह स्टॉक मार्केट बढने की बात करते हैं और लोगों से शेयर खरीदने को कहते हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 मई को शेयर मार्केट के 4 जून को रिकॉर्ड तोड़ने की बात करते हैं. 28 मई को प्रधानमंत्री इसे दोहराते भी हैं. उन्होंने कहा कि एक सोची समझी योजना के तहत 3 जून को एग्जिट पोल के सहारे स्टॉक मार्केट में भारी उछाल लाया जाता है. इसमें हजारों करोड़ों रुपए निवेश किए जाते हैं, जो घरेलू निवेशकों के हैं और 4 जून को जब बाजार गिरता है तो आम निवेशकों के 30 लाख करोड रुपए डूब जाते हैं.
हालांकि राहुल गांधी के बयान पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने तुरंत ही जवाब दे दिया था कि 4 जून को शेयर बाजार में निवेशकों के जो नुकसान हुए थे, उनमें घरेलू निवेशक नहीं थे. विदेशी निवेशकों के ही नुकसान हुए हैं.पीयूष गोयल ने कहा कि एग्जिट पोल के असर से जिस दिन बाजार चढ़ा, उस दिन विदेशी निवेशकों ने 6800 करोड रुपए की खरीदारी की थी. जबकि घरेलू निवेशकों ने बिकवाली की. चुनाव परिणाम वाले दिन जब बाजार गिर रहा था तो विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की. पीयूष गोयल ने कहा है कि राहुल गांधी तो बिना तथ्यों के ही आरोप लगाते रहे हैं. बहरहाल राहुल गांधी ने शेयर मार्केट में शेयर गिरने और चढ़ने को एक घोटाला बताया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सिलीगुड़ी के निवेशक राहुल गांधी के बयान से सहमत हैं?
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