June 16, 2025
Sevoke Road, Siliguri
जुर्म उत्तर बंगाल घटना सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में फर्जी आधार कार्ड बनाने के रैकेट के भंडाफोड़ से हड़कंप!

छोटे से शहर सिलीगुड़ी में बड़ी-बड़ी बातें होती हैं. समय-समय पर पुलिस और एजेंसियां इसका भंडाफोड़ करती है तो लोग दांतों तले उंगली दबाने लगते हैं. सिलीगुड़ी, बंगाल और भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ने का एक बड़ा कारण सिलीगुड़ी के लोगों को अब समझ में आ रहा है. सिलीगुड़ी में एक रैकेट सक्रिय है, जो बांग्लादेशी लोगों को भारतीय नागरिक बनाकर भारत में रहने का कानूनन हक देता है. कुछ इसी तरह का कांड सामने आया है, जहां बांग्लादेशियों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाए जाते थे. भक्ति नगर पुलिस और एसओजी की टीम ने रेड डालकर इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है.

भक्ति नगर पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की सहायता से रैकेट में शामिल 7 लोगों को मौके से धर दबोचा है. उनमें चितरंजन सरकार, षष्ठी मंडल, टीटू दास, विश्वजीत राय, मंगलू सिंह गौतम, हरि किशोर राय व अभि गुप्ता के नाम शामिल है. रैकेट का सरगना चितरंजन सरकार बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चितरंजन सरकार के उषा डिजिटल फोटो स्टूडियो में यह फर्जी धंधा काफी समय से चल रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां आधार कार्ड ही नहीं, बल्कि फर्जी वोटर कार्ड और फर्जी जाति प्रमाण पत्र भी बनाए जाते थे.

भक्ति नगर पुलिस को कुछ लोगों से शिकायत मिली थी कि ईस्टर्न बाईपास इलाके में ढाकेश्वरी मंदिर के नजदीक स्थित एक फोटो स्टूडियो में गुप्त रूप से आधार कार्ड बनाने का काम होता है. यहां लोगों से प्रति आधार कार्ड बनवाने का 5000 रूपये से लेकर ₹10000 वसूला जाता था. आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज आदि रैकेट के लोग तैयार करते थे. लोगों से मिली शिकायत के बाद भक्ति नगर पुलिस ने उसकी छानबीन करनी शुरू कर दी. सच्चाई का पता लगाने के लिए भक्ति नगर पुलिस ने SOG का सहयोग लिया और एक ऐसे व्यक्ति को आधार कार्ड सेंटर भेजा, जो पुलिस का मुखबिर था.

मुखबिर ने पुलिस को बताया कि एक बहुमंजिली इमारत में स्थित एक डिजिटल स्टूडियो में यह धंधा होता है. यहीं पर मुखबिर की मुलाकात स्टूडियो संचालक चितरंजन सरकार से हुई, जिससे आधार कार्ड बनाने का सौदा हुआ. मुखबिर को अगले दिन उक्त स्टूडियो में पैसे लेकर आधार कार्ड के लिए बुलाया गया. मुखबिर, एस ओ जी और भक्ति नगर पुलिस की टीम बनाई गई और पूरी तैयारी करके यह स्पेशल टीम आधार कार्ड सेंटर पहुंची. टीम के सभी सदस्य सादी वर्दी में थे. मुखबिर को ग्राहक के रूप में आगे भेजा गया. जैसे ही मुखबिर का सिग्नल मिला, उसी समय स्पेशल टीम ने चारों तरफ से उषा डिजीटल स्टूडियो को घेर लिया.

चितरंजन सरकार तथा दूसरे सदस्यों ने पुलिस को देखते ही वहां से भागने की कोशिश की. मगर वे चारों तरफ से घेरे जा चुके थे. पुलिस ने एक-एक करके सातों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की छापेमारी में वहां से कई दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों ने बताया कि यह सभी दस्तावेज बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिक बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. संयुक्त पुलिस बल आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें कोर्ट में पेश करने तथा पुलिस रिमांड में लेने की तैयारी कर रहा है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. क्या चितरंजन सरकार ही रैकेट का सरगना है या उससे भी ऊपर कोई है, जिसके इशारे पर यह खेल खेला जा रहा था?

पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उक्त रैकेट के जरिए कितने आधार कार्ड और किन-किन लोगों के आधार कार्ड बनाए गए हैं. पुलिस आरोपियों को रिमांड में लेने के बाद उनसे पूछताछ के बाद कई सनसनीखेज बातों का खुलासा कर सकती है. पुलिस ने घटनास्थल से बरामद दस्तावेज, कंप्यूटर, स्कैनर आदि सभी वस्तुओं को अपने अधिकार में ले लिया है और डिजिटल स्टूडियो को सील कर दिया है. इस घटना की गूंज पूरे सिलीगुड़ी शहर में सुनाई पड़ रही है. लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई है. आखिर बांग्लादेश के लोगों को भारतीय नागरिक बनकर भारत में रहने के लिए शरण कौन दे रहा है? फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है. भक्ति नगर पुलिस ही आरोपियों को रिमांड में लेने के बाद सच्चाई का पर्दाफाश कर सकती है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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