आज से पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल के अलावा अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल है. इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा एस आई आर की घोषणा से पहले ही प्रदेश में 67 आई ए एस समेत 527 अधिकारियों का तबादला कर दिया है, जो चर्चा का विषय बना है.
वास्तव में बंगाल सरकार ने राज्य में एस आई आर के क्रियान्वयन के पूर्व 500 से अधिक अधिकारियों के तबादले की जो घोषणा की है, वह एक ही दिन में किया गया अब तक का सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है. इसमें 67 IAS और 460 राज्य सिविल सेवा अधिकारी शामिल हैं. इनके बारे में कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के द्वारा 24 अक्टूबर को ही अधिसूचना जारी कर दी गई थी. कल रात में SIR लागू किया गया, जबकि दिन में ही अधिकारियों के तबादले के नोटिफिकेशन भी अपलोड कर लिए गए.
. राज्य सरकार के इस कदम के बाद विपक्ष खासकर भाजपा के द्वारा हंगामा किया जा रहा है. भाजपा ने चुनाव आयोग में शिकायत करने का मन बना लिया है. पार्टी ने इसे टीएमसी की राजनीतिक चाल बताया है. जबकि राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि यह कदम प्रशासनिक संतुलन के लिए है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि लंबे समय से अधिकारी एक ही पद पर तैनात रहे हैं. इसलिए प्रशासनिक संतुलन के लिए उनका तबादला आवश्यक था. लेकिन भाजपा द्वारा इसका अलग मतलब निकाला जा रहा है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिन अधिकारियों का तबादला किया है और नई जिम्मेदारी दी है, वह सभी मुख्यमंत्री के वफादार अधिकारी हैं. इन अधिकारियों में नए और पुराने को अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है. कुल 64 आईएएस अधिकारियों में 10 जिला अधिकारी और पांच डब्ल्यू बीसीएस अधिकारी शामिल है. कई एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और 5 एसडीओ को भी स्थानांतरित किया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि बंगाल सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त की मंजूरी के बिना ही आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया. भाजपा नेताओं ने इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है.
उत्तर बंगाल में मालदा से लेकर कूचबिहार तक अफसर बदले गए हैं. दार्जिलिंग के नए डीएम मिश्रा होंगे. जबकि पुराने डीएम प्रीति गोयल को राज्य में अन्यत्र भेजा गया है. भाजपा की प्रतिक्रिया सामने आ रही है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की मंजूरी के बिना इस तरह के तबादले से SIR बाधित होगा. हालांकि टीएमसी को इसकी परवाह नहीं है. राज्य में एस आई आर के साथ ही अब सभी मतदाताओं की सूची फ्रीज कर दी गई है और नई सूची का आगाज होगा.
BLO प्रत्येक मतदाता के घर जाएंगे और मतदाता की पहचान कर सुधार करेंगे. BLO के द्वारा मतदाताओं को प्रपत्र दिए जाएंगे. मतदाता उन्हें भरकर बीएलओ को देंगे. अधिकारियों के द्वारा इसका मिलान पुरानी सूची से किया जाएगा. अगर उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था तो ऐसे मतदाता को किसी भी तरह की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.ना ही उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता है.
लेकिन अगर उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है और ना ही उनके माता-पिता का नाम इसमें दर्ज है तो ऐसे मतदाता को अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त के द्वारा जिन 12 राज्यों में ऐसा SIR शुरू की गई है, उनमे कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 51 करोड़ है. जबकि 53000 से ज्यादा पोलिंग स्टेशन और बीएलओ तैनात किए जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे चरण के SIR प्रक्रिया के तहत बीएलओ 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर मतदाता का परिचय प्राप्त करेंगे. 9 दिसंबर से draft मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्ति का निराकरण होगा. इसके बाद 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और सत्यापन किया जाएगा. 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा.
