July 23, 2025
Sevoke Road, Siliguri
new jalpaiguri newsupdate smuggling

सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 56 युवतियों की तस्करी नाकाम, GRP और RPF की संयुक्त कार्रवाई में दो गिरफ्तार !

Smuggling of 56 girls from New Jalpaiguri station of Siliguri foiled, two arrested in joint operation by GRP and RPF!

सिलीगुड़ी: न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर एक बड़े मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ। न्यू जलपाईगुड़ी GRP और RPF की संयुक्त कार्रवाई में 56 युवतियों को राजधानी एक्सप्रेस से बरामद किया गया, जिन्हें बिहार ले जाया जा रहा था।

सूत्रों के अनुसार, इन युवतियों को होटल मैनेजमेंट कोर्स के बहाने प्रशिक्षण देकर बेंगलुरु की एक इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था। परंतु जांच में खुलासा हुआ कि यह सब तस्करी की सुनियोजित योजना थी, जिसके तहत युवतियों को अन्य राज्यों या संभवत: विदेश भेजा जाना था।

तफ्तीश में सामने आया कि ठाकुरनगर इलाके में ‘ड्रग एजुकेशन एंड चैरिटेबल सोसाइटी’ नामक एक संस्था चल रही थी, जो दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और उत्कर्ष बंगला योजना के नाम का इस्तेमाल कर रही थी। संस्था के बाहर सरकारी योजनाओं के बोर्ड लगे थे, जिससे युवाओं को भ्रमित किया जा सके। GRP का आरोप है कि इसी संस्था के माध्यम से महिला तस्करी का रैकेट संचालित हो रहा था।

गिरफ्तारी और छापेमारी:
घटना के बाद सोमवार रात दो लोगों को गिरफ्तार किया गया — चंद्रिमा कर और जीतेन्द्र कुमार पासवान। जीआरपी का कहना है कि जीतेन्द्र कुमार का छत्तीसगढ़ से संबंध है, जबकि चंद्रिमा कर ने खुद को सिलिगुड़ी निवासी बताया, लेकिन उसका स्थाई पता अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

मंगलवार को GRP ने आरोपी को साथ लेकर ठाकुरनगर स्थित संस्थान और छात्रावास में छापा मारा, जो 2 लाख रुपये मासिक किराए पर लिया गया था। वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर, सीपीयू आदि इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए। पुलिस को संदेह है कि रैकेट का भांडा फूटने से पहले ही आरोपी संस्थान समेटने की तैयारी में थे।

चार मंज़िला बिल्डिंग के हर कमरे से अलग-अलग संदिग्ध गतिविधियों के प्रमाण मिलने के बाद GRP का मानना है कि यह रैकेट काफी संगठित और बड़े स्तर पर काम कर रहा था।

दोनों आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 6 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। जीआरपी इस पूरे मामले की परतें खोलने के लिए गहन पूछताछ में जुटी है।

इस बीच, जब वीरेन्द्र प्रताप सिंह, जो कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर हैं,उनसे इस मामले पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को गलतफहमी बताते हुए तस्करी के आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

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