May 18, 2025
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल उत्तर बंगाल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में ‘नदी उत्सव’ से ‘महानंदा’ का कितना होगा परिष्कार!

जिस सिलीगुड़ी शहर में आज भी पढ़े लिखे अथवा अनपढ़ लोग महानंदा नदी को डस्टबिन की तरह इस्तेमाल करते हो, घर आंगन के कूड़े कचरे को नदी में डाला जाता हो, अनपढ़ तो अनपढ़, बुद्धिजीवी लोग भी टोने टोटके और चढ़ावे को नदी की जलधारा में बहाते हो, जिस महानंदा नदी में माल मवेशियों को […]

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उत्तर बंगाल जुर्म सिलीगुड़ी

महानंदा नदी से की जा रही थी रेत की तस्करी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस अंतर्गत भक्तिनगर थाने की पुलिस ने नदी से बालू की अवैध तस्करी को रोका। भक्तिनगर थाने की पुलिस ने बीती रात गोपनीय सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर छापेमारी कर एक व्यक्ति को ट्रैक्टर के साथ गिरफ्तार कर लिया। भक्तिनगर थाना अंतर्गत सालुगाड़ा इलाके के महानंदा घाट से चालक ट्रैक्टर […]

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उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में महानंदा पर बनने जा रहा छठा ब्रिज!

महानंदा नदी पर छठ ब्रिज बनने जा रहा है. इस ब्रिज के बन जाने से सेवक रोड और हिल कार्ट रोड पर यातायात का दबाव कम हो जाएगा. वर्तमान में सेवक रोड और हिल कार्ट रोड पर ट्रैफिक का बुरा हाल रहता है. कई बार इस रोड से गुजरने वाली एंबुलेंस गाड़ियां भी जाम में […]

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उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

बिखरी है नौकाघाट के पास महानंदा नदी में चांदी ही चांदी!

मौसम विभाग की भविष्यवाणी को धत्ता बताते हुए सूरज आसमान का कलेजा चीर कर धरती के जल, जीवन, जन्तु और संपदा को जलाने लगा है. मानव ही क्यों, पशु, पक्षी ,वनस्पति पानी के लिए तरस रहे हैं. जब आसमान में उड़ते हुए पक्षी पानी की तलाश में महानंदा नदी में भटक रहे होते हैं, तो […]

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उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में नदी किनारे नहीं होगा एक भी खटाल!

सिलीगुड़ी में खटालों को लेकर निगम प्रशासन और खटाल मालिकों के बीच तनातनी चलती रहती है. सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन का मानना है कि नदियों के जल प्रदूषण और गंदगी के लिए खटाल जिम्मेवार हैं. सिलीगुड़ी में अधिकांश खटाल महानंदा नदी के तट पर स्थित हैं. गंगानगर, संतोषी नगर, विवेकानंद ग्वाला पट्टी, कुली पाडा,गुरुंग बस्ती, […]

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लाइफस्टाइल

61 लाख की लागत से बनेगा फ्लड सेंटर !

मालदा: मालदा शहर के महनंदा सहित अन्य नदी किनारे बसे सैकड़ों परिवार हर साल बारिश के मौसम में बेघर हो जाते हैं। बेसहारा परिवारों को साल में लगभग तीन से चार महीने शहर के सड़कों के किनारे या खुले स्थानों पर बने अस्थायी पॉलीथिन टेंट में रहना पड़ता है। हर साल महानंदा का जलस्तर बढ़ते […]

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