September 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
लाइफस्टाइल

‘कौन बनेगा करोड़पति’ के टी वी शो में पहुंची चाय श्रमिक की बेटी!

सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. आमतौर पर माना जाता है कि उत्तर बंगाल के चाय बागानों में काम करने वाले लोगों का जीवन अभिशप्त होता है. घास फूस और लकड़ी टीन के मकान में रहने वाले चाय श्रमिकों को इतना भी पैसा नहीं मिल पाता कि वह ठीक से भोजन कर सकें. ऐसे में बच्चों की शिक्षा दीक्षा और परवरिश बड़ी मुश्किल से हो पाती है. लेकिन इन सभी कठिनाइयों और चुनौतियों को झेलते हुए अगर कोई चाय श्रमिक की बेटी भारत के सबसे बड़े टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति का हिस्सा बन जाती है, तो यह एक असाधारण बात ही कही जा सकती है.

क्योंकि कौन बनेगा करोड़पति टीवी शो का सभी हिस्सा नहीं बन पाते हैं. लाखों लोग इसके लिए प्रयास करते हैं. लेकिन कुछ ही लोगों का सेलेक्शन हो पाता है. ऐसे में पुष्पांजलि लोहार की प्रतिभा, उसके साहस, हिम्मत,संघर्ष और उसकी किस्मत को दाद दी जानी चाहिए, जिसने केबीसी का हिस्सा बनने के लिए घर पर ही तैयारी की और पहले ही प्रयास में चुन ली गई. यह लड़की केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर तो नहीं बैठ पाई लेकिन उसने कौन बनेगा करोड़पति के चैलेंजर वीक में भाग लिया और केबीसी के मंच तक पहुंचने में सफल रही.

इस चाय श्रमिक बेटी का नाम पुष्पांजलि लोहार है और वह कालचीनी प्रखंड के अंतर्गत गंगोटिया चाय बागान में काम करने वाले एक श्रमिक की बेटी है. बड़ा ही संघर्ष भरा जीवन है उसका. बचपन में ही पिता का देहांत हो गया. मां ने आधा पेट खाकर बच्चों को पढ़ाया और पाल पोसकर बड़ा किया. कोई नौकरी नहीं. आज भी मां चाय बागान में मजदूरी करती है और लड़कियां इत्यादि बेचकर बच्चों का भविष्य बनाना चाहती है. उसका एक ही सपना है कि किसी तरह उनके बच्चे पढ़ लिखकर बाबू बन सके.

पुष्पांजलि लोहार की मां खुद किसी बाबू के अधीन काम करती है. लेकिन वह चाहती है कि उनकी बेटी किसी बड़े पद पर जाए. ताकि उनके घर की माली हालत बदल सके. मकान कच्चा है. बरसात में पानी लग जाता है.यहां जंगली जानवरों का भी आतंक रहता है. ऐसे ही माहौल में पुष्पांजलि लोहार ने उच्च माध्यमिक की शिक्षा उत्तीर्ण की. लेकिन कॉलेज जाने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ दी. उसने मां को कड़ा संघर्ष करते हुए देखा है. इसलिए वह मां का दुख कुछ कम करना चाहती है. वह चाहती है कि मां को आराम मिल सके, इसलिए उसने चाय बागान के श्रमिकों के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया है.

पुष्पांजलि लोहार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घर में टी वी है. वह टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति नियमित रूप से देखती थी. वह उससे प्रोत्साहित होती थी. वह इस शो का हिस्सा बनना चाहती थी. इस दौरान उसने केबीसी की चैलेंजर वीक प्रतियोगिता में भाग लिया. उसका चुनाव भी हो गया. पुष्पांजलि लोहार ने बताया कि जब वह सबसे बड़े टीवी शो में पहुंची तो अमिताभ बच्चन को देखकर उसे एक अलग ही अनुभव हुआ. उसने बताया कि 3 अगस्त से उसके शो की शूटिंग शुरू हो गई थी में उसने भाग लिया था यह शूटिंग 6 अगस्त तक संदीप चली

आश्चर्य तो इस बात का है कि पुष्पांजलि लोहार ने इसके लिए कोई अलग से तैयारी नहीं की है. क्योंकि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि अमिताभ बच्चन के लोकप्रिय शो का वह हिस्सा बन पाएगी. उसने बताया कि वह स्वयं WBPSC की तैयारी कर रही है. इसके साथ-साथ वह चाय बागान के बच्चों को ट्यूशन भी पढाती है. कुछ पाने के लिए मेहनत और संघर्ष तो करना ही पड़ता है. इसके लिए पूरे परिवार के लोग पसीना बहा रहे हैं. पुष्पांजलि से बड़ी उसकी एक बहन है. वह भी मां के साथ काम करती है. पुष्पांजलि ने बताया कि बागान का जीवन काफी कठोर होता है. लेकिन जब आप इसके अभ्यस्त हो जाते हैं तो यह आसान हो जाता है.

पुष्पांजलि लोहार के विचार काफी उच्च हैं. वह एक आम युवती की तरह नहीं सोचती है. वह चाहती है कि बागान के बच्चों का जीवन बदले. वह बागान के बच्चों के लिए एक प्रेरणा बनना चाहती है. वह एक उदाहरण स्थापित करना चाहती है कि अगर मेहनत और लगन के साथ-साथ सच्ची भावना हो तो मंजिल प्राप्त करना कोई मुश्किल बात नहीं है. जैसे उसने केबीसी के बड़े मंच पर पहुंचकर दिखा दिया है. उत्तर बंगाल में चाय बागानों के बच्चों को इससे काफी प्रेरणा मिल रही है. इन दिनों पुष्पांजलि लोहार की खूब चर्चा हो रही है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *