शर्म! गुस्सा! और वो आवाज जिसने सिलीगुड़ी को हिला कर रख दिया है! जिस स्कूल को हम ज्ञान का मंदिर समझते हैं, बच्चों के लिए दूसरा घर मानते हैं, उसी पवित्र जगह पर एक मासूम के साथ दरिंदगी हुई है। प्रधाननगर के एक नामी स्कूल में तीसरी कक्षा की एक नन्हीं छात्रा से स्कूल के ही एक सफाईकर्मी, पप्पू बासफोरे ने जो घिनौना कृत्य किया है, उसने हर माँ-बाप के दिल को दहला दिया है। यह सिर्फ एक घटना नहीं, यह हमारे समाज पर, हमारी व्यवस्था पर एक करारा तमाचा है!
सोचिए, एक तीसरी कक्षा की बच्ची, जो स्कूल जाती है पढ़ने, खेलने, अपने सपनों को बुनने… लेकिन उसे क्या पता था कि इसी स्कूल के शौचालय में एक भेड़िया घात लगाए बैठा है! कल, 28 जुलाई 2025 को स्कूल समय के दौरान, वार्ड नंबर 1, सिलीगुड़ी बी.आर.आई. कॉलोनी का रहने वाला यह सफाईकर्मी, पप्पू बासफोर, उस बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार बनाता है। उसको गलत तरीके से छूता है यानि की ‘बैड टच’ करता है। ‘बैड टच’ जैसे हल्के शब्द इस घिनौने हरकत का वर्णन नहीं कर सकते। यह विश्वास का कत्ल है! इतना ही नहीं उस बच्ची का मोबाइल से वीडियो भी बनाया गया ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं.
घटना के बाद, डरी-सहमी, सदमे में डूबी उस बच्ची ने जैसे-तैसे अपनी क्लास टीचर को यह आपबीती सुनाई। कल्पना कीजिए, उस बच्ची के मन पर क्या बीती होगी! जब यह बात स्कूल प्रशासन तक पहुँची, तो क्या किया गया? क्या तुरंत पुलिस बुलाई गई? नहीं! पहले तो प्रधानाध्यापक ने ‘मामले को सुलझाने’ के लिए, ‘मध्यस्थता’ के नाम पर बच्ची के परिवार को बुलाया! क्या यह न्याय था? क्या यह सुरक्षा थी? या सिर्फ इस जघन्य अपराध पर पर्दा डालने की कोशिश? यह कैसा स्कूल प्रबंधन है जो अपने परिसर में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय, ऐसे कारनामे को दबाने का प्रयास करता है?
लेकिन सच्चाई कभी छिपती नहीं! जैसे ही यह खबर आग की तरह फैली, अभिभावकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। आज सुबह स्कूल के सामने अभिभावकों का सैलाब उमड़ पड़ा। उनकी आँखों में आग थी, उनके नारों में आक्रोश था। “हमें न्याय चाहिए! दरिंदे को फाँसी दो! स्कूल प्रबंधन मुर्दाबाद!” के नारे गूँज रहे थे। हर माँ-बाप के चेहरे पर यह डर साफ दिख रहा था कि अगर आज यह उस बच्ची के साथ हुआ है, तो कल उनके बच्चों के साथ भी हो सकता है।
पुलिस को अंततः जागना पड़ा। अभिभावकों के प्रचंड विरोध और पुलिस को दी गई शिकायत के बाद, प्रधाननगर थाने की पुलिस ने हरकत में आते हुए आरोपी सफाईकर्मी पप्पू बासफोरे को गिरफ्तार कर लिया है। आज उसे सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन सवाल सिर्फ गिरफ्तारी का नहीं है, सवाल है कड़ी से कड़ी सजा का, ऐसी सजा जो मिसाल बने, ताकि कोई और दरिंदा ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके!
इसी बीच, अभिभावकों ने स्कूल अथॉरिटी के खिलाफ प्रधाननगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और मास पिटीशन भी दिया गया। उनका सीधा सवाल है कि तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्यों इस मामले को ‘आपसी’ सुलझाने की कोशिश की गई? क्यों एक दिन बाद पुलिस को सूचित किया गया ? स्कूल प्रशासन की इस कथित लापरवाही ने अभिभावकों के गुस्से को और भड़का दिया है।
यह घटना सिलीगुड़ी के माथे पर एक बदनुमा दाग है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे बच्चे वास्तव में स्कूलों में सुरक्षित हैं? क्या हम उन्हें ऐसे लोगों के भरोसे छोड़ सकते हैं? अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर आवाज़ उठाएं, ताकि भविष्य में कोई भी मासूम किसी दरिंदे का शिकार न बने।
क्या आप भी मानते हैं कि ऐसे मामलों में स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही तय होनी चाहिए और ऐसे कृत्यों को दबाने की कोशिश पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए? आपकी क्या राय है, इस पर हम आगे कैसे बढ़ें?