सिक्किम के कचरे को गाड़ियों में भरकर सिलीगुड़ी के आसपास बैकुंठपुर जंगल के पास स्थित नेपाली बस्ती इलाके में डंप किए जाने को लेकर स्थानीय लोग भड़क उठे हैं. सिलीगुड़ी के अनेक पर्यावरण प्रेमी संगठनों ने भी कानून का दरवाजा खटखटाया है. लोग उत्तेजना में हैं. आखिर किस अधिकार से सिक्किम का कचरा सिलीगुड़ी में लाकर डंप किया जा रहा है? सिलीगुड़ी के अनेक प्रबुद्ध व्यक्तियों और संगठनों ने सिलीगुड़ी के पुलिस आयुक्त को ज्ञापन दिया है. और इस संबंध में कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काफी दिनों से सिक्किम से ट्रक में भर कर कचरा सिलीगुड़ी लाया जा रहा था. यहां बैकुंठपुर जंगल के पास कचरे को नेपाली बस्ती इलाके में डंप किया जा रहा था. स्थानीय निवासियों को इस बात की जानकारी तब हुई, जब कचरे से बदबू आने लगी और उनका बस्ती में रहना दुभर होने लगा. इसके बाद बस्ती वालों ने मिलकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. सिक्किम से रवाना किए गए कचरों से भरे चार ट्रक जब सिलीगुड़ी के बैकुंठपुर इलाके में पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उस पर धावा बोल दिया.
चोरी पकड़े जाने के बाद ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि वे यहां पर फेरी बदलने के लिए रुके हुए थे. उन्होंने बताया कि सिक्किम के डंपिंग ग्राउंड से स्थानीय अधिकारी ने कपड़ों का वेस्टेज दिया था, जिसे बिहार ले जाया जाना था. बैकुंठपुर के पास उन्हें बिहार से आने वाली गाड़ी में डंप किया जाना था. वे बिहार से आने वाली गाड़ी का इंतजार कर रहे थे. लेकिन जब गाड़ी नहीं आई तो वह वापस सिक्किम लेकर जा रहे हैं. हालांकि बस्ती वालों को उनका बयान तर्कसंगत नहीं लगा था. अचानक ही वहां उत्तेजना का माहौल कायम हो गया.
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय निवासियों और स्वयंसेवी संगठनों ने मौके पर पहुंचकर ट्रक ड्राइवर को रोका और इसकी सूचना आमबाड़ी चौकी की पुलिस को दी. खबर मिलते ही आमबाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और कचरे से लदे ट्रकों को जब्त कर लिया. पुलिस ने बताया कि पिछले कई दिनों से सिक्किम से यह कचरा बैकुंठपुर के जंगल में डंप किया जा रहा था. स्थानीय लोगों के अनुसार कचरे को ढक कर गुप्त रूप से यहां लाया जा रहा था. इसका मतलब यह था कि सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी और अवैध तरीके से कचरा डंप किया जा रहा था.
जब ट्रक चालकों से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह गाड़ी लेकर बिहार चले जाएंगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि किस अधिकार से यहां कचरा फेंका जा रहा था, ट्रक चालकों ने कुछ नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि ट्रक चालक कचरा यहां गिराकर और फिर चुपके से निकल जाते हैं. पुलिस ने भी ट्रक ड्राइवर से पूछताछ की है. ट्रक ड्राइवर कोई संतोषजनक बयान नहीं दे पा रहे हैं. स्पष्ट है कि वे सही बात नहीं बता पा रहे हैं. पुलिस सही माजरा समझने की और पता लगाने की कोशिश कर रही है.
पुलिस ने जब उनसे कागजात दिखाने को कहा तो उन्होंने ना तो किसी तरह के कागजात दिखाए हैं और ना ही अधिकार पत्र, जिससे पता चले कि सिक्किम का कचरा यहां डालने की प्रशासन से इजाजत ली गई थी. बहरहाल इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. यहां के पर्यावरण प्रेमी संगठनों, प्रबुद्ध जनों और स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग, डीएम जलपाईगुड़ी ,डीएफओ आदि को भी चिट्ठी लिखी है और कार्रवाई करने की मांग की है. इस संबंध में स्थानीय निवासियों की ओर से एक एफआईआर दर्ज कराई गई है.
आरोप में मांग की गई है कि कचरे से प्रदूषण फैल रहा है. इसके अलावा यहां का वातावरण और पर्यावरण दूषित हो रहा है. लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है. बच्चों के जीवन पर गलत असर पड़ता है. इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जो भी हो यह मामला तूल पकड़ चुका है. अभी सिक्किम सरकार की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है और ना ही सिक्किम के डंपिंग ग्राउंड से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है.
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