December 28, 2024
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का जीवन ईमानदारी-सादगी का प्रतिबिंब है!

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह आयु संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे, 26 दिसंबर को वह अचानक घर पर ही बेहोश हो गए और तुरंत उनका उपचार शुरू किया गया, लगभग रात के 8:06 पर उन्हें दिल्ली के एम्स मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया, लेकिन तमाम कोशिशें के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका | रात के लगभग 9:51 बजे उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस ली, उन्हें मृत घोषित किया गया | पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की मृत्यु पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर देश के बड़े-बड़े नेताओं ने दुख व्यक्त किया | वहीं भारत सरकार ने भी 27 दिसंबर को यानी आज होने वाले सभी कार्यक्रम को रद्द कर दिया है और 7 दोनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है | प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, इस दौरान प्रधान मंत्री ने कहा डॉक्टर साहब का जीवन, उनकी ईमानदारी-सादगी का प्रतिबिंब है |
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा उनका अंतिम संस्कार शनिवार यानी 28 दिसंबर को होने की आशंका जताई जा रही है | बता दे कि,डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पंजाब में हुआ था 2004 से 14 तक लगातार दो बार में भारत के प्रधानमंत्री रहे | वैसे तो पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को लेकर कई चुटकुले बनाए जाते हैं लेकिन यह वास्तविकता नहीं है, क्योंकि डॉक्टर मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकालों तक अपनी सेवाएं दी, जवाहरलाल नेहरू के बाद मनमोहन सिंह ही थे, जो लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री बने और उनके बाद वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह उपाधि प्राप्त है |

डॉक्टर मनमोहन सिंह आरबीआई गवर्नर, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर रहे, मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक उदारीकरण के प्रणेता के तौर पर जाने जाते हैं।
कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. करने वाले मनमोहन सिंह ने कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन विभिन्न पदों पर रहते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा ।
साल 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर पांच सालों तक रहे जिसके बाद उन्हें 1990 में प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार बना दिया गया। इसके बाद जब पी वी नरसिंहराव पीएम बनें, तो उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को 1991 में वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा था । मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय के सचिव, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। साल 2004 से 2014 के बीच यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार में वे प्रधानमंत्री पद पर बने हुए थे । पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक छाया हुआ है |

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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