आरजीकर कांड ने बंगाल में जैसे जलजला ला दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस कांड की चिंगारी इस कदर भड़केगी कि उस पर नियंत्रण पाना आसान नहीं होगा. मुख्यमंत्री की छवि एक निर्भीक नेता की रही है. लेकिन उनकी छवि ने ही उनकी मुसीबत को जैसे बढ़ा दिया है. कल के उनके बयान को लेकर अब उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक प्रैक्टिशनर वकील ने दिल्ली पुलिस में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 192, 196 और 353 के तहत FIR दर्ज कराया है.
इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वर्तमान में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है. इस कांड को लेकर मुख्यमंत्री पर सबसे ज्यादा भाजपा हमलावर है तो मुख्यमंत्री ने भी बंगाल में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए भाजपा को ही जिम्मेवार बताया है. जानकार मानते हैं कि मुसीबत के समय व्यक्ति को अधिक शान्त रहकर संयम से काम लेना चाहिए.
उधर मुख्यमंत्री के कल के बयान को लेकर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि बंगाल में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. सुकांत मजूमदार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ आज राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे और राज्य में विधि व्यवस्था की गिरती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल से जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया. सुकांत मजूमदार ने कहा कि हमने राज्यपाल को 9 अगस्त से अब तक के पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.हमने उनसे अनुरोध किया कि पूरा बंगाल उनकी ओर उम्मीद से देख रहा है. इसलिए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने हैं, वह उठाएं. राज्यपाल दिल्ली प्रस्थान कर गए.
आरजीकर कांड एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जिसको लेकर विभिन्न संगठनों की ओर से रोष व्यक्त किया जा रहा है. कुछ लोगों को लगता है कि सरकार को जिस तरह से कदम उठाना चाहिए, उस तरह से कदम नहीं उठाया गया है. इससे नाराज कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर हमला करने की साजिश रची. बहरहाल पुलिस ने उनकी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया है. साजिशकर्ताओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. इस समय मुख्यमंत्री की सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है. यह केंद्र की भी जिम्मेवारी बनती है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरजीकर कांड की घटना के बाद कुछ लड़कों ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं. इसमें मुख्यमंत्री आवास पर हमला करने की साजिश रची गयी. इस ग्रुप में 363 मेंबर को जोड़ा गया है. इस ग्रुप के द्वारा सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया जा रहा है, वह समाज में अशांति फैलाने का खतरा बढ़ा रहा है. पुलिस ने इस जानकारी के बाद कार्रवाई करते हुए ग्रुप के क्रिएटर ग्रुप, एडमिन समेत तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया. ग्रुप में बाकी सदस्यों ने जो पोस्ट किया है,उन सभी को नोटिस भेज दिया गया है और उन्हें पूछताछ के लिए लाल बाजार थाना बुलाया गया है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्हाट्सएप में ग्रुप बनाकर मुख्यमंत्री आवास के निकट कालीघाट में कहां इकट्ठा होना है, इस बारे में ऑडियो क्लिप जारी कर पूरी प्लानिंग की गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास के बाहर घेराव, फिर हमला करने को लेकर ग्रुप में प्लानिंग की जा रही थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सुनी सुनाई बातों में ना आकर कानून को अपने हाथों में ना लें.
लोगों को आगाह करते हुए पुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति समाज में अशांति फैलाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप या सोशल मीडिया का सहारा ना लें. ऐसा करने पर वे कानून के दायरे में आ सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को इसकी सूचना दी जाए, ताकि समाज में शांति कायम रह सके.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)