सिलीगुड़ी में विधान ज्वेलर्स शोरूम में डकैती की घटना और उसके बाद अब तक हुए खुलासे ने सिलीगुड़ी के व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया है. पुलिस की जांच में अब तक जो बातें सामने आई हैं, जानकर सिलीगुड़ी के लोग भी दहशत में आ गए हैं. पुलिस की गिरफ्त में डकैती कांड में अब तक पकड़े गए दोनों अपराधियों और पुलिस की अब तक की जांच से पता चलता है कि सिलीगुड़ी में डकैती कांड की स्क्रिप्ट बिहार की बेगूसराय जेल में एक कुख्यात अपराधी ने तैयार की थी.
जमानत पर जेल से छूटने के बाद उक्त कुख्यात अपराधी अपने गिरोह के पांच युवकों तथा महिलाओं के साथ सिलीगुड़ी आया था. यहां वे सभी बिधाननगर इलाके में किराए के मकान में रह रहे थे. वे पिछले तीन महीने से सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों में घूम रहे थे. इसके साथ ही वे शहर के विभिन्न ज्वेलरी शोरूम और शॉपिंग मॉल की भी रेकी कर रहे थे. अंततः उन्होंने विधान ज्वेलर्स को अपना निशाना बनाया था.
डकैती के लिए इस गिरोह ने रविवार का दिन इसलिए निर्धारित किया था, क्योंकि रविवार को सिलीगुड़ी की अधिकांश दुकानें बंद रहती हैं. जबकि विधान ज्वेलर्स शोरूम खुला रहता है. विधान ज्वेलर्स शोरूम में डकैती डालने से पहले गिरोह के सदस्यों ने पूरी तैयारी की थी. शहर की हर गली और सड़कों का मुआयना, दुकानों और प्रतिष्ठानों की रेकी, कर्मचारियों के बारे में जानकारी इत्यादि एकत्र की थी. वे इस तरह से डाका डालना चाहते थे कि पुलिस उन तक पहुंच ना सके. उन्हें सिलीगुड़ी से बाहर निकल भागने में सुविधा हो सके इसलिए उन्होंने रास्तों की भी पूरी जानकारी ले ली थी.
घटना के दिन योजना बनाकर इस गिरोह की एक महिला दोपहर में शोरूम में गई और ₹80000 का ज्वेलरी पसंद करने का ड्रामा किया. इसके बाद उसने बहाना बनाया कि वह पैसे घर पर भूल आई है. अभी लेकर आती है, कह कर वह शोरूम से बाहर निकल गई. लेकिन इतनी ही देर में उसने शोरूम का अच्छी तरह से मुआयना कर लिया था. शोरूम से निकलने के बाद उसने यह बात अपने गिरोह के सदस्यों को बताई. इसके बाद दूसरी महिला और दो युवक शोरूम में घुसे. फिर बाकी सदस्य भी शोरूम में घुस गए और डकैती की घटना को अंजाम दिया.
इस डकैती की घटना में 11 करोड रुपए से अधिक के गहनों की डकैती हुई है. राजस्थान और बिहार के जो दो अपराधी इस मामले में पकड़े गए हैं, उन्हें पुलिस ने सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश करके 7 दिनों के रिमांड पर लिया है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. उपरोक्त दोनों के अलावा अब तक किसी अन्य बदमाश की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसलिए पुलिस की टीम उन्हें ढूंढते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में रेड डाल रही है.
सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में पिछले 10 दिनों के अंदर अपराध और लूट की तीन-तीन वारदातों ने पुलिस प्रशासन की चिंता और चुनौती दोनों ही बढ़ा दी है. विधान ज्वेलर्स शोरूम डकैती कांड के साथ ही मयनागुड़ी और चंपासारी में एटीएम लूट कांड की ताजा घटना और उसमें पकड़े जा रहे अपराधी तत्वों की संलिप्तता से कई सवाल उठ रहे हैं. क्या सिलीगुड़ी शहर धीरे-धीरे बाहरी अपराधियों के कब्जे में आता जा रहा है?
यह बात इसलिए कही जा रही है कि सनसनीखेज डकैती कांड में अब तक जिन बदमाशो की गिरफ्तारी हुई है, वे सभी पश्चिम बंगाल राज्य से बाहर के लोग हैं. इससे पहले मयनागुड़ी एटीएम लूट कांड में जिन अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, वे सभी भी बाहरी थे. उनमें से एक हरियाणा का और दूसरा बिहार का रहने वाला था. सिलीगुड़ी के चंपा सारी एटीएम लूट कांड में अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है. वे सभी हरियाणा के रहने वाले हैं और मेवात गिरोह से संबंध रखते हैं. इस तरह से तीनों ही वारदतों में जिन अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है, वह सभी सिलीगुड़ी और पश्चिम बंगाल से बाहर के राज्यों के रहने वाले हैं और कुख्यात अपराधी हैं.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डीसीपी ईस्ट राकेश सिंह ने भले ही स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा हो, परंतु ये सभी घटनाएं बता रही हैं कि राज्य से बाहर के अपराधी सक्रिय हैं. इसलिए प्रशासन के लिए भी एक गंभीर चुनौती है. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाता है, यह तो पता नहीं. परंतु वक्त का तकाजा है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए. लूट और डकैती की इन घटनाओं में जांच नतीजे क्या आते हैं, यह इंतजार करना होगा. लेकिन उससे पहले पुलिस प्रशासन को शहर में आने वाले बाहरी लोगों की पहचान से संबंधित कुछ ठोस योजना बनानी होगी.
अब तक के सुराग बताते हैं कि हाथ कंगन को आरसी क्या! जिस तरह से बाहरी अपराधी सिलीगुड़ी में आ रहे हैं, अगर पुलिस प्रशासन ने उनकी शिनाख्त के साथ ही उन पर नकेल कसने की कोई कारगर रणनीति तैयार नहीं की तो, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी. पुलिस प्रशासन को यह साबित करना होगा कि सिलीगुड़ी में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है.
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