सितंबर गुजरा और आज 1 अक्टूबर है. आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज से कई बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका असर आपकी जेब पर भी होने वाला है. इन बदलावों में रसोई गैस से लेकर क्रेडिट कार्ड, अगर आपका बैंक खाता एचडीएफसी में है तो क्रेडिट कार्ड के नियम भी बदलेंगे, इसके अलावा पीपीएफ इत्यादि नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिन्हें जानना आपके लिए आवश्यक है.
हालांकि ऐसे कई महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जो प्रत्येक महीने की 1 तारीख को बदले जाते हैं. इनमें एलपीजी गैस की नयी कीमत का निर्धारण भी शामिल है. बैंक से लेकर अन्य वित्तीय मामलों में ज्यादातर नियम 1 तारीख से ही लागू होते हैं. परंतु आज 1 अक्टूबर से कई ऐसे महत्वपूर्ण नियम है, जो आपके जीवन और जेब दोनों को प्रभावित कर सकते हैं. इस बार कई बदलाव होने जा रहे हैं, जो काफी महत्वपूर्ण है.
पहला बदलाव हर महीने घरेलू गैस की कीमत को लेकर होने वाला बदलाव है. हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां एलपीजी की कीमतों का मूल्यांकन करती हैं. इसके आधार पर इनकी कीमतों में बदलाव भी होता है. आपको पता चल गया होगा कि आपके शहर में मिलने वाली एलपीजी गैस की कीमत बदली है या वही है जो पिछले महीने थी. कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 48 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई है. यह सीधे आपकी जेब पर असर करेगा. इसी तरह से महीने की पहली तारीख को एटीएफ और सीएनजी पीएनजी का दाम भी संशोधित किया जाता है. अगर एटीएफ का दाम बढ़ता है तो इसका मतलब हवाई यात्रा महंगी हो सकती है. सीएनजी महंगी होने पर बस यात्रा महंगी होगी. जबकि पीएनजी महंगी होने पर पाइप के जरिए घर में आने वाली गैस महंगी हो जाएगी.
हालांकि सिलीगुड़ी शहर में इन बदलावों का कोई असर नहीं होगा. क्योंकि यहां पाइप के जरिए गैस की आपूर्ति अभी नहीं हो रही है. परंतु ऐसे खाताधारक जिनका बैंक अकाउंट एचडीएफसी बैंक में है, उनके क्रेडिट कार्ड के नियम बदल रहे हैं. यह सीधा आपकी जेब पर असर पड़ने वाला है. एचडीएफसी बैंक ने अपने कुछ क्रेडिट कार्ड के लॉयल्टी प्रोग्राम को लेकर बदलाव किया है. बैंक ने स्मार्ट बॉय प्लेटफार्म पर एपल प्रोडक्ट के लिए रिवॉर्ड पॉइंट के रिडेंप्शन पर प्रति कैलेंडर तिमाही 50000 पॉइंट्स की सीमा लगा दी है. जबकि स्मार्ट बॉय प्लेटफार्म पर हर कैलेंडर तिमाही में एप्पल प्रोडक्ट्स के लिए रीवार्ड प्वाइंट्स के रिडेंप्शन को सिंगल प्रोडक्ट तक सीमित कर दिया है. यह सभी नए नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे.
सेबी ने बोनस शेयर खाते में आने और उसके कारोबार की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नए निर्देश जारी किए थे. इसके अनुसार निवेशक रिकॉर्ड तिथि के बाद दो दिन में ही बोनस शेयर में कारोबार कर सकते हैं. यह व्यवस्था आज से लागू हो गई है. बीएसई और NSE में अपनी ट्रांजैक्शन फीस को आज से बदल दिया है. यह बदलाव कैश और फीचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेड के लिए लगने वाली ट्रांजैक्शन फीस में किया गया है. आज से एनएसई पर कैश सेगमेंट में दोनों तरफ ट्रेड वैल्यू पर 2.97 रुपए प्रति लाख का चार्ज लगाया जाएगा. जबकि इक्विटी फ्यूचर्स में 1.73 रुपए प्रति लाख होगी. इक्विटी ऑप्शंस में 35.03 रुपए प्रति लाख प्रीमियम मूल्य का शुल्क लगेगा.
आज से हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस के नियमों में भी बदलाव किया गया है. बीमा धारकों की सेवा में इसी साल स्वास्थ्य बीमा के नए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए थे. नए नियमों के तहत कैशलैस क्लेम के लिए आवेदन करने पर बीमा कंपनियों को 1 घंटे के भीतर इसे मंजूरी देनी होगी. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फाइनल ऑथराइजेशन को भी 3 घंटे के भीतर अनुमोदन देना होगा. शून्य सोर्स पर कर कटौती दरों को तर्क संगत बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने म्युचुअल फंड अथवा यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा यूनिट की बाय बैक पर 20% टीडीएस दर को वापस लेने का प्रस्ताव दिया था. यह संशोधन भी आज से लागू हो गया है.
1 अक्टूबर से श्रमिकों के जीवन में बदलाव होने जा रहा है. अब उन्हें पहले से ज्यादा मजदूरी मिलेगी. केंद्र सरकार ने श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर बढ़ाकर 1035 रोजाना कर दिया है. इसकी कई कैटिगरियां हैं. जैसे निर्माण, साफ सफाई ,सामान उतारने और चढ़ाने के काम करने वाले श्रमिकों को प्रतिदिन 783 रुपए, जबकि अर्ध कुशल श्रमिकों को प्रत्येक दिन 868, वहीं कुशल क्लर्क और बिना हथियार वाले चौकीदार अथवा गार्ड की न्यूनतम मजदूरी रोजाना 954 हो जाएगी. इसके अलावा जो लोग चौकीदारी अथवा गार्ड का काम करते हैं, उनकी न्यूनतम मजदूरी 1035 रोजाना निर्धारित की गई है. अत्यधिक कुशल लोगों की न्यूनतम मजदूरी भी 1035 रू रोजाना होगी.
आज से केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में भी बदलाव हो रहा है. आपसे सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटियों का खाता सिर्फ कानूनी अभिभावक ही संचालित कर सकेंगे. इससे पहले ऐसा नहीं था. अगर बेटी का खाता ऐसे शख्स द्वारा खोला गया है जो उसका कानूनी अभिभावक नहीं है, तो उसे 1 अक्टूबर से यह खाता बच्ची के माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक को ट्रांसफर करना होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सुकन्या समृद्धि खाता को बंद कर दिया जाएगा. इस तरह से आज से कई बदलाव होने जा रहे हैं, जो आपके जीवन और जेब दोनों को प्रभावित करेंगे.
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