गोलीबारी में एक तृणमूल नेता के फिर मृत्यु हो गई है और वहीं एक अन्य तृणमूल कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जो इलाजरत है | बता दे कि, मालदा में यह पहली घटना नहीं है लगभग 12 दिन पहले भी मालदा में गोलीबारी की घटना घटित हुई थी, जिसमें एक तृणमूल नेता दुलाल की दर्दनाक मृत्यु हो गई थी| उसके बाद से ही पूरे राज्य में तृणमूल कार्यकर्ता और नेताओं में भय बना हुआ था, कुछ दिनों पहले भी माल बाजार के नगर निगम अध्यक्ष ने भी इस मामले को लेकर भय उजागर किया था और उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी | उस दौरान तो इस बात को लेकर काफी राजनीतिक माहौल गर्मा गया था, लेकिन अब फिर से गोलीबारी की घटना ने सत्तादल के साथ विपक्ष की भी नींद उड़ा दी है | बता दे कि, इस गोलीबारी में कालियाचक एक नंबर ब्लॉक के क्षेत्रीय अध्यक्ष हासा शेख की मौके पर ही मृत्यु हो गई है वहीं इस घटना में इसरुद्दीन शेख घायल हो गए है | दोनों को घायल और लहूलुहान हालत में मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था, जहां हासा शेख की मृत्यु हो गई |
वहीं इसरुद्दीन शेख इलाजरत है | जानकारी मिली है कि, तृणमूल क्षेत्रीय अध्यक्ष आज सुबह कालिया चौक स्थित ड्रेन और सड़क का उद्घाटन करने गए थे, तभी यह गोलीबारी हुई | सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि, तृणमूल की एक अन्य समूह ने आग्नेयास्त्रों के साथ हमला कर दिया था, वहीं इस घटना के बाद उस क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया | अफरातफरी में दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां हासा शेख की मृत्यु हो गई है | इस घटना के बाद से ही पूरे राज्य में राजनीतिक माहौल भी गर्मा गया है | सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने भी इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफा देने की मांग की है | उन्होंने संवाददाता के समक्ष इस मामले को लेकर कहा कि, मुख्यमंत्री को अपने दल का टेररिस्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जैसा नाम रख देना चाहिए |
जिस तरह से राज्य में न्याय श्रृंखला की व्यवस्था हुई है उसे देखते हुए केंद्र सरकार को इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से यहां खुलेआम अपराधी घटनाएं घटित हो रही है, यहां शासक दल के नेता तो सुरक्षित नहीं है और आम जनता का हाल क्या होगा ? आम जनता भी अपने प्राण को हथेली में लेकर घूम रहे हैं, क्योंकि कब किसके साथ क्या घटना घटित हो जाए यहां कोई नहीं बता सकता | लगातार हो रही गोलीबारी को लेकर जहां सत्ता दल के कार्यकर्ता और नेताओं में भय बना हुआ है, तो वहीं विपक्ष भी केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग करने लगी है | अब सत्ता दल इस मामले को किस तरह लेती है इस पर सभी की नजरे टिकी हुई है |
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