आरजी कर मेडिकल हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन में बैठे जूनियर डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि, वे काम पर लौट जाए । क्योंकि उनके प्रदर्शन के कारण स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था चरमरा गई है और वही अब मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठने की पूरी कोशिश की। मैंने 3 दिन तक उनका इंतजार किया कि, वे आएं और अपनी समस्या का समाधान करें। यहां तक कि, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं किया, तब भी मैंने अपने मुख्य सचिव, गृह सचिव, DG और मेरे राज्य मंत्री सहित अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ 3 दिनों तक इंतजार किया। मुझे खेद है, मैं इस देश और दुनिया के लोगों से माफी मांगती हूँ, जो उनका (डॉक्टरों) समर्थन कर रहे हैं, कृपया अपना समर्थन दें। मुझे कोई समस्या नहीं है। हम आम लोगों के लिए न्याय चाहते हैं। हम आम लोगों के इलाज के लिए न्याय चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वे अपनी ड्यूटी पर वापस आएं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 3 दिन बीत चुके हैं लेकिन हम कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि कभी-कभी हमें बर्दाश्त करना पड़ता है। कभी-कभी बर्दाश्त करना हमारा कर्तव्य है!
देखा जाए तो जूनियर डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था और राज्य की मुख्यमंत्री ने भी उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन फिर भी जूनियर डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट और राज्य की मुख्यमंत्री दोनों को ही अनदेखा किया ।
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