वर्तमान समय में जब राजनीतिक दलों के नेताओं के घर से छापेमारी में नोटों की बोरियों बरामद होती हैं तो कोर्ट के जज ऐसे भ्रष्ट नेताओं को बख्शने के लिए तैयार नहीं होते हैं. लेकिन जब उसी जज के घर से ही नोटों की बोरियां निकलने लगे तो सवाल तो उठेंगे ही कि ये नोटों की बोरियां जज के पास कैसे आयीं और किन लोगों ने पहुंचाया… इसका उद्देश्य क्या था?
वर्तमान में देश भर की निगाहें इसी घटनाक्रम पर टिकी हुई है. मीडिया में तरह-तरह की बातें उठाई जा रही है, जो लाजिमी भी है. क्योंकि अपराध का फैसला करने वाले जज के घर से नोटों की बोरियां बरामद होने लगे तो जज के फैसले पर उंगलियां उठने लगती है. इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है.
हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा अपनी सफाई में वही बात कहते हैं, जो एक मंजा हुआ अपराधी कहता है. अर्थात उन्हें नहीं पता कि उनके घर में यह नोट कहां से आए. और इन नोटों की बोरियों को यहां कौन रख दिया. उन्होंने ना तो स्वयं और ना ही उनके परिवार ने स्टोर रूम में कोई नगदी रखी थी. दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय को दिए गए जवाब में जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा है कि जिस कमरे से नोटों की गड्डियां बरामद हुई है, वह उनके मुख्य आवास से अलग है, जिसका इस्तेमाल कई लोग करते हैं.
बहरहाल इस मामले की जांच प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा गठित तीन सदस्य समिति कर रही है. यह घटना सुर्खियों में आने के बाद इस पर आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू हो गई, जो अब अंतिम चरण में पहुंच गई है.जांच के पश्चात ही फैसला सामने आएगा कि जस्टिस वर्मा की कुर्सी बचेगी या जाएगी. दूसरे चरण में जांच की निगरानी खुद सीजेआई करते हैं. यह काफी महत्वपूर्ण होता है.
आपको बताते चलें कि 14 मार्च को जज वर्मा के सरकारी आवास में आग लग गई थी. आग बुझाने अग्निशमन विभाग के कर्मचारी और पुलिसकर्मी पहुंचे तो उन्हें चार-पांच बोरियों में अधजले नोट मिले थे. यह मामला तूल पकड़ने लगा तो भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय से रिपोर्ट देने को कहा.
जस्टिस उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में आरोप की गहन जांच कर ली है.सीजेआई ने तीन सदस्य समिति का गठन किया है.अब तक जांच रिपोर्ट में जिन बातों का पता चला है, उसके अनुसार 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर के स्टोर में लगी आग को बुझाने के लिए दमकल कर्मी पहुंचे तो वहां उन्हें चार से पांच बोरी अधजले नोट मिले थे. जो वीडियो वायरल हुआ है, उनमें जले हुए नोट की आग बुझाते हुए दमकल कर्मी दिख रहे हैं. खबर समय उम्मीद करता है कि जज पर उठ रहे सवालों का समाधान होगा और जज की गरिमा बनी रहेगी. अन्यथा लोगों का कानून पर से भरोसा उठ जाएगा.
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