आखिर क्यों है बढ़ रहा हैं साइबर क्राइम ?
क्या कारण है साइबर क्राइम आज पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बन गया है ?
इन सारे सवालों के जवाब तो पुलिस प्रशासन के पास नहीं, तो आम जनता क्या करेगी | साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी भी नाकाम होते पुलिस के मजे ले रही है, क्योंकि पुलिस साइबर क्राइम को सुलझाने में कहीं ना कहीं असफल हो रही है, यह हम नहीं आंकड़े बता रहे हैं |
पूरे दार्जिलिंग जिला में ही साइबर क्राइम पांव पसार रहा हैं , आए दिन साइबर क्राइम से बेफिक्र लोग जागरूकता की कमी के कारण अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धो रहे है | साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी लोगों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर अपना शिकार बना रहे है |
पुलिस की नाकामी भी साइबर क्राइम के आकड़ों से उजागर हो रहे है, जानकारी अनुसार जनवरी महीने से अब तक सिलीगुड़ी साइबर क्राइम में लगभग 139 से अधिक शिकायत दर्ज हो चुकी है और पुलिस ने अभी तक लगभग 20 मामलों को ही निपटाया है |
देखा जाए तो इस साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी इतने शातिर होते हैं कि, इनकी शातिरता को देख पुलिस के भी पसीने छूट जाते है, क्योंकि पुलिस के पास उपकरणों की कमी है और इन्हीं उपकरणों की कमी के कारण लगातार साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है | साइबर क्राइम के लिए सिलीगुड़ी में सिर्फ एक ही साइबर थाना है और जहां शिकायतों का अंबार लगा हुआ है | शहर वासियों की भी शिकायत है कि, एक ओर तो साइबर क्राइम में उपकरणों और लोगों की कमी है और वही अभी जो भी है वो भी बहुत सुस्त है, साइबर क्राइम के अधिकारियों को ही पता नहीं होता की किस मामले में किसकी गिरफ़्तारी हुई है और किसका क्या अपराध है |
शायद प्रशासन के लचीलेपन के कारण भी साइबर अपराधियों को ऊर्जा मिल रही है | साइबर थाना में जिस तरह से मामले दर्ज होने के बाद सुलझ रहे है, उस की गति को देख शिकायत करने वाले भी हताश होने लगे हैं | अभी इस आधुनिक युग में सभी के पास आधुनिक मोबाइल फोन है और जिसमें इंटरनेट और सोशल मीडिया है, इन्हीं के जरिए ही साइबर क्राइम एक जाल की तरह फैल रहा है, क्योंकि सोशल मीडिया में ऐसे बहुत से प्रलोभन वाले विज्ञापन आते हैं, जहां पर क्लिक और शेयर करने पर घर बैठकर कमाने जैसे प्रलोभन देकर लोगों को आकर्षित किया जाता है |
वही इस प्रलोभन वाले विज्ञापन को देख साधारण इंसान इसका शिकार बन जाते है | सोशल मीडिया में फेसबुक और व्हाट्सएप दोनों ऐसे ऐप है जिसमें विज्ञापनों की भरमार लगी रहती हैं, लेकिन वही किसी मामले को लेकर शिकायत किया जाए तो महीनों तक उनका जवाब नहीं आता है, जिसका फायदा भी साइबर अपराधियों को मिल रहा है,वहीं पुलिस को संसाधनों और उपकरणों की कमी के कारण अपराधियों तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है | पूरे दार्जिलिंग जिला में लगभग 20 लाख से ज्यादा की आबादी है और इसमें दो ही साइबर थाना है, जिसके कारण दोनों थानों में साइबर क्राइम को लेकर शिकायतें बढ़ रही है, लेकिन इसको सुलझाने वाला कोई नहीं है | साइबर क्राइम को लेकर लोगों को सतर्कता और जागरूकता की जरूरत है ताकि साइबर क्राइम के मामलों में कमी आ सके |
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