सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा बीते दिनों जो कठोर फैसला लिया गया है, आज शहर में उसी की चर्चा हो रही है. चाहे वह प्रतिष्ठान वाले हो या मकान वाले, अगर नगर निगम के द्वारा कार्रवाई की जाती है तो एक-एक व्यक्ति अथवा एक-एक घर से न्यूनतम 10 हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ सकता है. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम के फैसले आम जनता के कल्याण के लिए है. स्वास्थ्य और सम्पन्नता के लिए है.
अगर आप सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत किसी भी वार्ड में रहते हो, आपका कच्चा या पक्का कोई भी मकान हो, व्यवसायिक प्रतिष्ठान है, अगर आपके घर अथवा आसपास में पानी जमा हो तो सिलीगुड़ी नगर निगम के निर्मल साथी प्रोजेक्ट के लोगों के द्वारा इसकी जानकारी होने पर आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. सिलीगुड़ी नगर निगम पुष्टि के बाद आपके खिलाफ न्यूनतम 10000 और अधिकतम ₹100000 जुर्माना लगा सकती है.
सिलीगुड़ी नगर निगम का यह अभियान डेंगू को लेकर चलाया गया है. पिछले काफी समय से सिलीगुड़ी नगर निगम डेंगू की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह अपने घर अथवा अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दें. इसके अलावा साफ सफाई, ब्लीचिंग छिड़काव आदि कार्यक्रम निगम के द्वारा चलाया जा रहा है. सिलीगुड़ी के कुछ इलाकों में डेंगू की घटनाएं सामने आ रही है मैं कल नहीं करवट ले ली है हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासन काफी समय से लोगों को जागरुक कर रही है परंतु लोग हैं कि इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं ऐसे में सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा यह कठोर फैसला लिया गया है
सिलीगुड़ी नगर निगम को लगता है कि इस फैसले से लोग अपने घर अथवा आसपास में जल जमाव को लेकर सचेत हो जाएंगे. निर्मल साथी को आदेश दिया गया है कि वह सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत सभी इलाकों में जाकर यह पता लगाए कि किस घर में पानी जमा हो रहा है. निर्मल साथी एक बार लोगों को चेतावनी देगा. उसके बाद जल जमाव वाले घर को नोटिस भेजा जाएगा. इसके बावजूद भी अगर लोग सचेत नहीं होते हैं तो सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है. यह न्यूनतम ₹10000 जुर्माना से लेकर ₹100000 जुर्माना तक हो सकता है.
हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान को निशाना बनाना है. निगम के पास जो शिकायतें आ रही है, वह ज्यादातर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के जल जमाव को लेकर है. इसलिए निगम ने फैसला किया है कि जिन व्यापारियों अथवा व्यवसाईयों के प्रतिष्ठानों के आसपास जल जमाव होगा, उनके खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम कड़ी कार्रवाई करेगी. एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है. निर्मल साथी के युवा इनके बारे में निगम को जानकारी देंगे. उसके बाद सिलीगुड़ी नगर निगम व्यावसायिक प्रतिष्ठान को नोटिस भेजेगा और संबंधित व्यक्ति से जवाब मांगा जाएगा. संतुष्ट नहीं होने पर निगम के द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम का यह फैसला कितना वास्तविक रूप ले पाता है. सिलीगुड़ी के व्यावसायिक भवनों के मालिक निगम के इस फैसले को किस रूप में लेते हैं.
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