गीता समेत सभी धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि हर जीव की मृत्यु निश्चित है. इस धरती का प्रत्येक प्राणी पूरे समय तक जीवित रहता है. समय से पहले मौत उसे छीन नहीं सकती. क्योंकि ईश्वर ने ही जीव के मुकद्दर में जीवन काल लिखकर भेजा होता है. यही कारण है कि यह कहावत ज्यादा मशहूर है कि जाको राखे साईंया मार सके ना कोय! यह कहावत बार-बार 100% खरी साबित हुई है.
अहमदाबाद प्लेन दुर्घटना ने एक बार फिर से इस अकाट्य सत्य को फिर से साबित किया है. इस विमान हादसे में सभी यात्रियों की मृत्यु हो गई. लेकिन उनमें से एक यात्री की जान बच गई. उसे कुछ नहीं हुआ. बल्कि हादसे के बाद वह अपने पैरों पर चलकर अस्पताल में भर्ती हुआ. जबकि विमान हादसे में जीवित बच्चे यात्री के चारों तरफ राख और लाशें बिछी थीं. जरा कल्पना कीजिए कि लाशें इस अवस्था में थीं कि उन्हें पहचानने के लिए डीएनए का सहारा लेना पड़ रहा है. उस स्थिति में यह विमान यात्री सकुशल था. बेहोशी टूटी तो उठा और विमान का इमरजेंसी गेट तोड़कर बाहर निकल आया.
इस विमान यात्री का नाम रमेश विश्वास कुमार है. उम्र 40 साल है. विमान हादसे के कुछ देर बाद ही यह व्यक्ति सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यात्री का पासपोर्ट फोटो सोशल मीडिया पर देख सकते हैं. इसके अनुसार यह एक ब्रिटिश नागरिक है. लंदन में अपने परिवार के साथ रहता है. वह अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए गुजरात आया हुआ था. अहमदाबाद एयरपोर्ट से वह लंदन के लिए उड़ान भर रहा था. लेकिन प्लेन टेक ऑफ लेते के साथ ही हादसे का शिकार हो गया.
विमान में कुल 242 लोग सवार थे. इनमें से रमेश विश्वास कुमार को छोड़कर सभी लोगों की मौत हो चुकी है. लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ने लगभग 1:38 पर उड़ान भरी थी. टेकऑफ के कुछ ही सेकंड के बाद ही यह विमान बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से टकरा गया. हादसे के कुछ घंटे के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें लोगों ने देखा कि खून से लथपथ विश्वास कुमार एंबुलेंस की ओर जा रहे हैं.
रमेश विश्वास कुमार फिलहाल अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में अपनी चोट का इलाज करा रहे हैं. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल का दौरा करने के बाद घायलों का हाल जानने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में गए और घायल यात्री रमेश विश्वास कुमार का भी हाल जाना. विमान यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मैं विमान से कूदा नहीं था. बल्कि सीट समेत विमान से बाहर आ गया था.
बता दें कि यह विमान यात्री अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ यूके लौट रहे थे. वह 11 ए में बैठे थे. जबकि उनके भाई विमान में अलग पंक्ति में बैठे थे. उन्होंने बताया कि विमान के उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद ही एक तेज आवाज हुई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह सब बहुत तेजी से हुआ था.जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि उनके चारों तरफ जली हुई लाशें पड़ी थीं. यह देखकर वह डर गए. वह तुरंत खड़े हुए और बाहर भागने की कोशिश करने लगे. उनके चारों तरफ विमान के टुकड़े पड़े थे. इस दौरान किसी ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें एंबुलेंस में डालकर अस्पताल ले गया.
आपने भूत प्रेत और परियों की कथा में इस तरह की घटना का वृतांत सुना होगा. लेकिन वास्तविक जीवन में इस तरह की घटना बहुत कम देखी सुनी जाती है. इससे पहले भी विमान हादसे हुए हैं. लेकिन यह विमान हादसा युग युगों तक याद किया जाता रहेगा. क्योंकि यह एक ऐसा विमान हादसा था, जिसमें एक यात्री के सिवा सभी यात्रियों की मौत हो गई. यहां तक कि crue मेंबर्स भी जीवित नहीं बचे. लेकिन रमेश विश्वास कुमार को कुछ नहीं हुआ.
इस विमान हादसे का सभी को दुख है. विमान में सभी वर्ग के लोग सवार थे, जिनकी मृत्यु हुई है. उनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल थे. हादसे के बाद अलग-अलग प्रतिक्रिया मिल रही है. विमान हादसे की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं. पर शास्त्रों के इस सत्य को कोई स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि जिनके दिन पूरे हो गए थे, वे चले गए और जिसका अभी समय पूरा नहीं हुआ था, उसे कुछ नहीं हुआ. क्या अब भी आप यह नहीं कहेंगे कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय…
अब तो इस सत्य को बड़े-बड़े डॉक्टर और वैज्ञानिक भी स्वीकार करने लगे हैं कि विज्ञान के आगे भी एक दुनिया होती है और उस दुनिया के आगे सब शून्य है. वह परम सत्ता है. जिसको चुनौती नहीं दी जा सकती है. कई बार आपने डॉक्टर के मुंह से भी सुना होगा, जब आप अपने मरीज का हाल लेने उनके पास जाते हैं तो डॉक्टर के मुंह से एक ही शब्द निकलता है, मैं तो अपना प्रयास कर रहा हूं. बाकी ऊपर वाले के हाथ में है…
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)