आजकल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी गुस्से में हैं. उनका यह गुस्सा बीजेपी को लेकर है. चुनाव आयोग ने उनकी सरकार के दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों समेत चार सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा बंगाल में वोटर लिस्ट, सर का मुद्दा भी गहरा रहा है. इन सभी कारणों से ममता बनर्जी काफी गुस्से में है. उनका यह गुस्सा सभाओं में फूट पड़ता है.
झाड़ग्राम की एक जनसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय चुनाव आयोग, बीजेपी और अमित शाह पर अपना गुस्सा दिखाया और कहा कि वह एक शेरनी है. अगर कोई उन्हें घायल करने की कोशिश करता है तो वह खतरनाक हो जाएंगी. हालांकि उन्होंने सीधे किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. परंतु उनका इशारा बीजेपी की तरफ था. ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक वह नहीं चाहेगी, कोई उन्हें हरा नहीं सकता.
ममता बनर्जी को खुद पर इतना भरोसा क्यों है. उन्होंने इसका भी कारण बता दिया है. ममता बनर्जी ने कहा कि जब राज्य में सीपीएम की सरकार थी, तब उन पर काफी अत्याचार किया गया था. माकपा की पुलिस ने उनके सर पर डंडा बरसाया था. उनका सारा शरीर खून से लथपथ था. लेकिन तब भी वह डरी नहीं तो अब वह क्या डरेगी. वह इतने गुस्से में थी कि उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें चीटियों की तरह मसल दूंगी. मेरी ताकत जानते नहीं हो. ममता बनर्जी को हराना इतना आसान नहीं है, कान खोल कर सुन लो.
आजकल ममता बनर्जी कथित तौर पर बंगाली अस्मिता और बांग्ला भाषा को बचाने की लड़ाई लड़ रही है. इसलिए वह अपनी सभाओं में यह कहना नहीं भूलती कि केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्य बंगाली बोलने वाले को बांग्लादेशी और रोहिंग्या कहते हैं. यह हमारी भाषा पर सीधा प्रहार है. उन्होंने चुनाव आयोग को भी चेताया और साथ ही मतदाताओं से भी कहा कि अपने वोटर आईडी कार्ड की लड़ाई लड़ो. यह आपका अधिकार है. यह आपकी पहचान है.
ममता बनर्जी के इस प्रकार के बयान और भाषण को भाजपा ने उनकी असुरक्षा से जोड़कर बताया है. प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि मुख्यमंत्री का भाषण उनकी असुरक्षा की भावना को दर्शाता है. अगर मुख्यमंत्री विरोधियों को चीटियों की तरह कुचलने की धमकी देती है तो इससे पता चलता है कि वह कितनी कमजोर हो गई है और हताश भी.