एक समय तृणमूल में पापिया घोष की खूब चलती थी. लेकिन राजनीति में किसी का भी समय एक सा नहीं रहता है. तृणमूल के विभिन्न संगठनात्मक पदों पर अपना प्रभाव डालने वाली पापिया घोष इन दिनों पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में दिखाई नहीं देती हैं. इसलिए उन्हें लेकर सवाल उठने लगा है. फिलहाल पापिया घोष सिलीगुड़ी जिला समतल की अध्यक्ष हैं.
कुछ समय पहले ही पापिया घोष तृणमूल में भारी कवायद कर रही थी. पार्टी के कार्यक्रमों से लेकर विभिन्न अभियानों की उन्होंने अगुवाई की. तब यही समझा जा रहा था कि पार्टी में उनका कद बढ़ना तय है. लेकिन जिस तरह से पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रम से लेकर कोलकाता में हुई पार्टी की बैठक में उन्हें नजरअंदाज किया गया, इससे जानकार कुछ और ही कयास लगा रहे हैं.
तृणमूल के कार्यकर्ता भी खामोश है और इस मुद्दे पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि दबी आवाज में उनकी चर्चा जरूर होती है. कुछ ही समय पहले तृणमूल की ओर से मतदाता सूची निरीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा था, जिसमें पापिया घोष बढ़ चढ़कर भाग ले रही थी.आजकल यह अभियान ठंडा पड़ गया है.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कोलकाता से लौटने के बाद पापियों घोष ने सिलीगुड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़ चढकर हिस्सा लिया था. अभी वे कुछ दिनों से टीएमसी के छोटे बड़े कार्यक्रमों से बाहर हैं. इन दिनों उनकी चर्चा मीडिया में भी नहीं हो रही है. ऐसे में पापिया घोष को लेकर जनमानस में सवाल उठने लगे हैं. हाल ही में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में संजय टिबडेवाल को अध्यक्ष बनाया गया था. संजय टिबरेवाल ने पदभार संभालते के साथ ही अपनी ऊर्जा और सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है.
सूत्र बता रहे हैं कि एक तरफ पापिया घोष की तृणमूल में राजनीतिक कैरियर को लेकर अटकलें लगाई जा रही है तो दूसरी तरफ स्वयं पापिया घोष का कहना है कि यह सभी बातें गलत हैं. वह पहले की तरह ही पार्टी की अनुशासित सिपाही हैं. जैसा पार्टी का आदेश होता है, वह ऐसा ही करती हैं. उन्होंने कहा कि वह लगातार पार्टी की सेवा कर रही है. आगे भी करती रहेंगी.
हालांकि वस्तु स्थिति कुछ भिन्न है. टीएमसी में नए जिला अध्यक्ष की घोषणा अभी नहीं हुई है. पापिया घोष पिछले 4 साल से जिला अध्यक्ष पद पर बरकरार हैं. उनके बारे में यह कहा जा रहा है कि वह कोई भी फैसला स्वयं नहीं लेती. प्रदेश नेतृत्व जैसा आदेश देता है वह वैसा ही करती हैं. हालांकि एक पक्ष का यह भी कहना है कि पार्टी के भीतर गुटबाजी की भी पपिया घोष शिकार है. इसलिए ऐसी भी चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व पापिया घोष को साइड कर सकता है.
जो भी हो, आने वाले कुछ दिनों में सच सामने आ जाएगा, जब पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर सिलीगुड़ी समतल का फैसला होगा. फिलहाल तृणमूल में कोर कमेटी की चर्चा चल रही है. इसमें कौन-कौन लोग शामिल होंगे, यह भविष्य में पता चलेगा. हालांकि चर्चा यह भी है कि कोर कमेटी में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार, सिलीगुड़ी महकमा के समाधिपति अरुण घोष आदि को शामिल किया जा सकता है. जबकि पापिया घोष का नाम सामने नहीं आ रहा है.
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