March 31, 2025
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क्या बंगाल में ‘कमल’ खिलेगा?

पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव जीतने के लिए एक तरफ तृणमूल कांग्रेस अभी से ही रूपरेखा तैयार करने में जुट गई है तो दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी पूरे दमखम के साथ ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए रणनीति बनाने में लग गई है. इसका संकेत राज्य में दो बड़े दलों की उठा पटक से लग जाता है. फिलहाल राज्य में हिंदुत्व का मुद्दा गरमाया हुआ है. इस पर दोनों दलों की ओर से ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है.

इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह बंगाल आने वाले थे. परंतु रमजान, ईद और रामनवमी त्यौहार के चलते उनकी यात्रा स्थगित कर दी गई है. अब वे अप्रैल महीने में बंगाल आएंगे. अमित शाह के बंगाल आने से यहां के भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश आ जाता है. अमित शाह पहले से ही कहते आ रहे हैं कि 2026 में बंगाल में भाजपा की सरकार होगी. बंगाल यात्रा से पहले अमित शाह ने एक बार फिर से इस बात को दोहराया है कि दिल्ली में कमल खिल गया है. अब अगला नंबर पश्चिम बंगाल का है.

प्रदेश भाजपा के नेता पहले से ही कहते आ रहे हैं कि इस बार बंगाल में भाजपा की सरकार होगी. वह चाहे शुभेंदु अधिकारी हो या सुकांत मजूमदार या फिर राजू बिष्ट. यह सभी नेता पूरे आत्मविश्वास से भरे हैं और कहते रहे हैं कि 2026 में ममता बनर्जी की विदाई तय है. दिल्ली जीतने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने भी बंगाल के संदर्भ में कहा था कि 2026 में बंगाल में भाजपा की सरकार होगी. फिलहाल बंगाल के भाजपा नेता इसी विश्वास के साथ राजनीति करते हुए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं.

हाल ही में एक बार फिर से संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कमल खिल गया है. अब अगला नंबर बंगाल का है. 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने काफी जोर लगाया था. लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बन सकी और भाजपा को राज्य की 295 विधानसभा सीटों में से केवल 77 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. इस बार भाजपा अभी से ही रणनीति तैयार कर रही है कि किस तरह से 2026 में राज्य में भाजपा की सरकार बने. परंतु क्या यह इतना आसान है?

राजनीतिक पंडितों के अनुसार भाजपा के लिए बंगाल फतह करना इतना आसान नहीं है. क्योंकि बंगाल में मुसलमानों की आबादी 30% से भी ज्यादा है. बंगाल का मुसलमान एक मुश्त टीएमसी को वोट करता है. जबकि टीएमसी की हिंदू वोटो पर भी अच्छी पकड़ रही है. भाजपा यह बात अच्छी तरह जानती है कि ममता बनर्जी को हराना इतना आसान नहीं है. अगर हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण होता है तभी राज्य में टीएमसी को खतरा हो सकता है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा के शीर्ष नेता सुबेंदु अधिकारी हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण करने में जुट गए हैं. उन्होंने कहा भी था कि ममता सरकार बदलने के लिए काफी संख्या में हिंदुओं को भाजपा का साथ देना होगा.

लेकिन जो लोग ममता बनर्जी को जानते हैं, उन्हें अच्छी तरह पता है कि ममता बनर्जी राजनीति में कच्ची खिलाड़ी नहीं है. वह हवा का रुख देखकर अपनी रणनीति तैयार करती है. ममता बनर्जी को कब कहां और क्या बोलना है, उन्हें इसका विशेष अनुभव है. राजनीतिक पंडितों के अनुसार अगर भाजपा को राज्य में कमल खिलाना है तो भाजपा नेताओं को ममता बनर्जी के खिलाफ एक चक्रव्यूह तैयार करना होगा. इसके लिए प्रदेश भाजपा के नेताओं को एकजुट होकर लड़ना होगा. तभी यह मुमकिन हो सकता है. पर वर्तमान में हालात यह है कि प्रदेश में भाजपा में गुटबाजी जमीन पर बहुत दिख रही है. ऐसे में भाजपा कैसे टीएमसी को हरा पाएगी!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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