रूस ने अमेरिका और नाटो को तीसरे विश्व युद्ध की सख्त चेतावनी दे रखी है. उधर यूक्रेन रूस को लगातार ललकार रहा है. पिछले दिनों यूक्रेन ने रूस का बड़ा नुकसान किया. उससे रूस जला भुना हुआ है. यूक्रेन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पागल तक कह चुका है. वह रूस को अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है. रूस यूक्रेन को किसी भी तरह माफ करने के लिए तैयार नहीं है. वह जब चाहे परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है. क्योंकि उसके पास इसकी शक्ति है. लेकिन रूस सही मौके का इंतजार कर रहा है.
दूसरी तरफ यूक्रेन के पास परमाणु हथियार उपयोग करने का स्वतंत्र अधिकार नहीं है. वर्तमान में दोनों देशों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ चुका है. अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन का लगातार समर्थन कर रहे हैं. उनकी मदद से ही यूक्रेन रूस से लोहा ले रहा है. हालांकि एक तरफ दुनिया को युद्ध से बचाने की तैयारी भी हो रही है. पर मौजूद आलम है कि ना तो रूस झुकने को तैयार है और ना ही यूक्रेन. रूस खुद को एक महाशक्ति के रूप में देखता है जबकि यूक्रेन पश्चिमी देशों और अमेरिका से शक्ति पा रहा है. यह कोई नहीं जानता कि ढाई सालों से चले आ रहे दोनों देशों के बीच युद्ध का क्या परिणाम होगा.
हाल ही में यूक्रेन ने 6 अगस्त को रूस के पश्चिमी कुसर्क क्षेत्र पर हमला किया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है कि रूस पर इतना बड़ा विदेशी हमला हुआ. इससे रूस के इलाके का एक टुकड़ा कट गया है. इस हमले के बाद से ही रूस यूक्रेन पर बुरी तरह खफा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि इस हमले का रूस की ओर से उचित जवाब दिया जाएगा. रूस यूक्रेन की मदद करने वाले देशों को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है. इसका मतलब यह भी है कि रूस अमेरिका तक पर हमला कर सकता है. इसके अलावा जिस तरह का वैश्विक पटल पर परिदृश्य बदल रहा है, वह तीसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि भी तैयार कर रहा है.
2022 में यूक्रेन पर हमला करने के बाद से रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बार-बार दुनिया को चेतावनी दी है कि यह युद्ध सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के एक व्यापक युद्ध में बदल सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि रूस अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन के साथ संघर्ष नहीं चाहता है. अब हालात बदल चुके हैं. यरूशलम पोस्ट की खबर के अनुसार पुतिन के विदेश मंत्री के रूप में कार्य करने वाले लावरोव ने कहा है कि इस बात के प्रमाण मिले हैं कि पश्चिमी देश यूक्रेन को युद्ध में धकेल रहे हैं.
लावरोव ने कहा है कि बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है. समझदार लोगों को समझ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान ना करे, अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो यह यूरोप पर सबसे ज्यादा असर डालेगा. उन्होंने कहा कि रूस केवल अपनी परमाणु नीति को साफ कर रहा है. रूस के राष्ट्रपति को परमाणु हथियार का प्रयोग करने का आदेश देने का अधिकार है. ऐसा व्लादिमीर पुतिन तभी कर सकते हैं जब रूस पर परमाणु हथियार का प्रयोग हो अथवा कोई ऐसा हथियार रूस के खिलाफ प्रयोग में लाया जाए जो भयानक तबाही के लिए जिम्मेदार हो. इस स्थिति में रूस शांत नहीं रहेगा. चाहे परिणाम कुछ भी हो.
ताजा हालात कुछ ऐसा है कि ना तो अमेरिका की तरफ से और ना ही पश्चिमी देशों की तरफ से यूक्रेन को समर्थन देने की बात आ रही है. नाटो देश भी परोक्ष रूप से दूरी बनाने में लग गए हैं. क्योंकि कोई भी देश नहीं चाहता कि तीसरा विश्व युद्ध हो. परमाणु हथियारों के इस युद्ध में अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी. यही सोचकर महाशक्ति वाले देश युद्ध टालने की कोशिश में जुट गए हैं.लेकिन यह तभी संभव होगा जब या तो यूक्रेन को अलग-थलग कर दिया जाए या फिर रूस अथवा यूक्रेन में से कोई एक देश झुकने के लिए तैयार हो. मौजूदा हालात और स्थिति ऐसी है कि दोनों में से कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है.
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