मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास की बार-बार सेंधमारी कैसे होती है जबकि उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली है.इसके बावजूद उनके आवास पर बार-बार सेंधमारी हो जाती है. क्या राज्य पुलिस की यह बड़ी चूक नहीं है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक का यह कोई पहला मामला नहीं है. सभा, रैलियों के क्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में चूक होती रहती है. उत्तर बंगाल में ऐसा कई बार हुआ है,जब उनकी सुरक्षा के घेरे को तोड़कर अजनबी उनकी कार के सामने प्रकट हो गए और उन्होंने उनसे फरियाद भी की. लेकिन इन सबके बावजूद भी उनकी सुरक्षा को सख्त करने की कभी कोशिश नहीं की गई.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट आवास पर 3 जुलाई 2022 की रात लगभग 1:00 बजे एक संदिग्ध व्यक्ति घुस आया था. हालांकि मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़कर कालीघाट पुलिस के हवाले कर दिया था. यह जानते हुए भी कालीघाट पुलिस पुलिस ने उनके आवास की सुरक्षा का विशेष प्रबंध क्यों नहीं किया था? यह सवाल भी उठाया जा रहा है.
आज की घटना सबसे ज्यादा गंभीर है. क्योंकि पुलिस ने जिस शख्स को गिरफ्तार किया है, उसके कब्जे से चाकू और असलहा बरामद किया गया है. वह सीएम आवास में घुसने की कोशिश कर रहा था. युवक के पास से विभिन्न एजेंसियों के आईडी कार्ड भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा कुछ प्रतिबंधित पदार्थ भी मिले हैं. आरोपी जिसका नाम नूर आलम है, वह कार में सवार होकर सीएम आवास पर आया था.
पुलिस आरोपी के मंसूबे का पता लगाना चाहती है. पुलिस यह जानना चाहती है कि यह युवक सीएम आवास में क्यों घुसना चाहता था. क्या वह पहले से सीएम आवास और इलाके की रेकी कर रहा था? पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है. युवक के बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्र करने के लिए कई एजेंसियों को लगाया गया है.
सीएम आवास की सेंधमारी हो या फिर ममता बनर्जी पर हमले की घटना हो. इसका जिक्र बार-बार होता है.स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने ऊपर हुए हमले के बारे में लोगों को बताती है. 2021 में विधानसभा चुनाव के समय ममता बनर्जी अपने ऊपर हमले का आरोप लगा चुकी है, जब नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान वह घायल हो गई थी.
हाल ही में ममता बनर्जी उत्तर बंगाल में थी. कोलकाता लौटने के क्रम में उनका हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण बागडोगरा हवाई अड्डे पर नहीं उतर सका था और उनके हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग सालुगारा के पास कराई गई थी. इस हादसे में ममता बनर्जी को चोट लगी थी, जिसका इलाज उनके घर और अस्पताल में हुआ था.
21 जुलाई को जिस शहीद दिवस का आयोजन तृणमूल कांग्रेस हर साल करती आ रही है, यह भी ममता बनर्जी के हमले से ही जुड़ा है. इस घटना में कई कांग्रेस कार्यकर्ता शहीद हो गए थे.उनकी याद में ही शहीद दिवस मनाया जाता है.
ममता बनर्जी को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. उनके साथ 18 गाड़ियों का काफिला रहता है. एक एडवांस पायलट कार रहती है. प्रधान सुरक्षाकर्मी की गाड़ी रहती है. 3 एस्कॉर्ट कार, इंटरसेप्शन की 2 गाड़ियां, फिर महिला पुलिस और एंबुलेंस होती है. बाद में तीन और सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां होती है. टेल कार और स्पेयर इंटरसेपशन कार भी सुरक्षा घेरे में रहती है.
इसके बावजूद अगर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की सुरक्षा में चूक हो जाती है तो सवाल तो उठेंगे ही. यह सवाल बीजेपी ने भी उठाया है. बीजेपी का इशारा राज्य पुलिस की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी को लेकर है.