October 30, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सावधान! सिलीगुड़ी में नहीं चलेगा अवैध निर्माण!

अगर आप यह समझते हैं कि बिना नक्शा पास कराए सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में चोरी चुपके निर्माण कार्य करवाते हैं और नगर निगम को पता नहीं चलेगा, तो आप भ्रम में हैं. हो सकता है कि बरसों पहले आपने ऐसा किया हो और सिलीगुड़ी नगर निगम ने ध्यान नहीं दिया हो. पर अब आपके मकान, दुकान सब पर सिलीगुड़ी नगर निगम की नजर है. आप निगम की तीसरी आंख से बच नहीं सकते. कमर्शियल दुकान और रेजिडेंशियल मकान अगर अवैध निर्माण है तो आज नहीं तो कल सिलीगुड़ी नगर निगम उसे हटाएगी ही

अगर सिलीगुड़ी में अवैध निर्माण की बात करें, तो ऐसा कोई भी वार्ड या इलाका नहीं है, जहां कोई ना कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ हो. वाम मोर्चा के शासनकाल में इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था. जिसको जैसा ठीक लगता था, वैसा मकान बनवा लेता था. नक्शा पास कराने की कम ही जरूरत पड़ती थी. तब लोगों को यह पता नहीं था कि एक दिन उन्हें अवैध निर्माण का ऐसा हश्र देखने को मिलेगा. पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम अवैध निर्माण पर सख्त हुई है. सिलीगुड़ी के बहुत लोगों ने दुकान का नक्शा पास कराया लेकिन उस पर मकान बना लिया है. कई लोगों ने नक्शे में मकान की रूपरेखा कुछ और दिखाई है,लेकिन उसका वास्तविक ढांचा कुछ और है. कुछ लोगों ने बिल्डिंग का नक्शा पास करा कर उस पर तीन तल्ला और चार तल्ला मकान बना रखा है. कई लोगों के मकान ऐसे बने हैं, जहां बाउंड्री ही नहीं छोड़ी गई.

ऐसे सभी लोगों पर गाज गिरने लगी है. पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम की टीम और पुलिस प्रशासन के द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. लोगों में दहशत व्याप्त है. क्योंकि सिलीगुड़ी में अवैध निर्माण सब जगह मिल जाएंगे. सबसे ज्यादा दवाई दुकानों पर ही निगम का हथौड़ा चल रहा है. सिलीगुड़ी नगर निगम को भी काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यह स्वाभाविक भी है. क्योंकि जिनके मकान तोड़े जाएंगे, जिनकी दुकानें तोड़ी जाएंगी. वे चुप तो नहीं बैठेंगे. उनकी तकलीफ इस बात को लेकर है कि अगर आरंभ में ही अवैध निर्माण के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम ने कार्रवाई की होती, तो लोगों का इतना नुकसान नहीं होता. अब मकान, दुकान,प्रतिष्ठान बन जाने के बाद उसे तोड़ा जाना कहीं ना कहीं उनके धन और प्रतिष्ठा की हानि है.

इस समय सिलीगुड़ी नगर निगम का हथौड़ा सबसे ज्यादा एस एफ रोड पर चल रहा है. सेवक रोड, हिल कार्ट रोड के अलावा सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न वार्डो में निगम की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने पहले ही कहा था कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.वार्ड नंबर 36 में भी सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. पाइपलाइन के पास स्थित एक मकान को निगम और पुलिस की टीम ने तोड़ दिया. आने वाले समय में यह अभियान लगातार चलता रहेगा. निगम की सूची में कई इलाकों में स्थित अवैधानिक ढंग से बने मकानों तथा दुकानों के खिलाफ निगम की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है. ऐसे सभी मकानों तथा प्रतिष्ठान के मालिकों ने निगम की नोटिस पर कोई ध्यान नहीं दिया. परिणाम स्वरूप सिलीगुड़ी नगर निगम ने उनके अवैध निर्माणों को तोड़ दिया. अब वह सभी निगम पर काफी रोष व्यक्त कर रहे हैं.

हालांकि किसी भी मकान या दुकान को निगम की ओर से यूं ही नहीं तोड़ा जाता. कम से कम तीन बार निगम की ओर से उन्हें नोटिस दिया जाता है अगर आप नोटिस स्वीकार नहीं करते हैं तो निगम के लोग खुद ही आपके मकान या दुकान के बाहर दीवार पर नोटिस चिपका जाते हैं. अगर इसके बावजूद भी आपने अवैध निर्माण को नहीं रोका अथवा गिराया, तब सिलीगुड़ी नगर निगम अवैध निर्माण को गिराने के लिए मजबूर हो जाती है. सिलीगुड़ी नगर निगम पक्ष की ओर से कमिश्नर सोनम वांगदी भूटिया की ओर से दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के मकान या दुकान तोड़े जा रहे हैं, उन सभी के खिलाफ नियमों के अनुसार नोटिस दिया गया था. लेकिन जब उन लोगों ने अपनी मर्जी से प्रतिष्ठान या मकान नहीं तोड़ा तब पुलिस और निगम की टीम ने कार्रवाई की.

ऐसा कोई दिन भी नहीं बीत रहा है, जब सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन के खिलाफ व्यापारियों तथा सिलीगुड़ी के नागरिकों की झड़प नहीं हो रही हो. विधान मार्केट से लेकर हाशमी चौक और अन्य अन्य जगहों पर पिछले दिनों निगम की कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने आवाज बुलंद की थी. कई जगह पर तो कुछ संस्थाओं के लोगों ने मध्यस्थता की. हो सकता है कि कुछ दिनों के लिए निगम और पुलिस प्रशासन की टीम शांत बैठ जाए, परंतु हर समय ऐसा ही होगा, संभव नहीं लगता. लोकसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी नगर निगम और पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई तृणमूल कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद साबित होगी, यह कहना तो मुश्किल है. परंतु इन घटनाओं से इतना तो तय है कि लोग बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य को आगे बढ़ाना नहीं चाहेंगे.

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