कुछ समय पहले तक लोग जिनके नाम नहीं जानते थे, अब उनका कच्चा चिट्ठा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने खोल कर रख दिया है. इसके बाद से ही सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम तक व्यापारियों में दहशत व्याप्त है. कमलेश अग्रवाल बंधु और रियल एस्टेट सुर्खियों में है. माटीगाड़ा के उत्तरायण में सन्नाटा व्याप्त है, तो सिक्किम के सिंगताम में भी कुछ ऐसा ही नजारा है.आईटी डिपार्टमेंट के लोग कमलेश अग्रवाल तथा उनके भाइयों के ठिकानों से बहुत कुछ हासिल कर चुके हैं.नगदी, दस्तावेज और भी बहुत कुछ आईटी अधिकारियों के हाथ लगे हैं. इनका अध्ययन किया जा रहा है.
हमें जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार कमलेश अग्रवाल को सिक्किम के सिंगताम में ही आईटी अधिकारियों ने घर में नजरबंद कर रखा है. इस घर से अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज व नगदी भी हाथ लगी है. इस खबर के बाद सिलीगुड़ी में रियल स्टेट से जुड़े कारोबारियों में दहशत व्याप्त है. खासकर ऐसे व्यापारी जो किसी न किसी रूप में कमलेश अग्रवाल से जुड़े हुए हैं, या फिर जिन प्रोजेक्ट में कमलेश अग्रवाल का पैसा लगा है, वह सभी व्यापारी और कारोबारी आतंक के साए में जी रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि देर सवेर आईटी विभाग उन तक पहुंच सकता है और उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
कौन है कमलेश अग्रवाल और आईटी ने उनके ऑफिस और अन्य ठिकानों पर छापा क्यों डाला? ऐसे कई प्रश्न सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम तक उठ रहे हैं. खबर समय को सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, वह काफी हैरान करने वाली है. क्योंकि कमलेश अग्रवाल यूं ही ठेकेदार किंग नहीं हो गए. इसके पीछे एक लंबी कहानी है. सिक्किम की राजनीति को प्रभावित करने का माद्दा रखने वाले ठेकेदार किंग से अनेक राजनेताओं की राजनीति चलती है. पवन चामलिंग से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की राजनीति को प्रभावित करने वाले ठेकेदार किंग 3 दशकों से सिक्किम में राज कर रहे हैं.
सिक्किम सरकार के बड़े-बड़े ठेके सीधे कमलेश अग्रवाल की झोली में जाते हैं. मलाई खाते हैं. लेकिन सरकार और राजनेता इसके बदले में उनसे पार्टी के लिए फंड भी लेते हैं. जब तक सब कुछ ठीक रहता है, तब तक सब सही है. मामले को दबा दिया जाता है लेकिन जैसे ही स्वार्थ प्रबल होता है, बिखराव शुरू हो जाता है. दुश्मनी भी ऐसी होती है कि एक दूसरे को तबाह कर देने का जुनून हावी हो जाता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि ठेकेदार किंग के यहां आईटी का छापा कोई पहली बार नहीं पड़ा है. इससे पहले भी उनके यहां 2018 में आईटी का छापा पड़ा और यह छापा किसके इशारे से पड़ा था, अब यह राज भी खुल चुका है. उस समय सिक्किम में पवन चामलिंग की सरकार थी.
कमलेश अग्रवाल भाइयों ने किसी समय पवन चामलिंग की सरकार में बड़े-बड़े ठेके हासिल किए थे. इन ठेकों में दुनिया का सबसे बड़ा पांचवा प्रोजेक्ट सिक्किम के भालेडुंगा में रोपवे का कॉन्ट्रैक्ट था, जो साउथ सिक्किम में है. यह पूरे एशिया में दूसरा बड़ा रोपवे कहा जाता है. आप समझ सकते हैं कि यह ठेका कितने करोड़ का होगा. ऐसे ऐसे अनेक कॉन्ट्रैक्ट पवन चामलिंग सरकार की मेहरबानी से अग्रवाल बंधुओं को प्राप्त होता रहा.
ठेकेदार किंग ने अपने जीवन में बहुत कमाया. जमीन, दौलत, ऐशो आराम, शान और जिंदगी के उन सभी रंगों को जीया, जो एक राज नेता को भी मयस्सर नहीं होता है. सिंगताम में बड़े ठाठ है इनके. जबकि नामची में ठेकेदार किंग के भाई महावीर अग्रवाल के रियल एस्टेट का बड़ा कारोबार है. गुरुवार को आईटीआई अधिकारियों की टीम ने रियल एस्टेट से जुड़े ठिकानों पर भी छापे की कार्रवाई शुरू की, तो इसकी दहशत सिलीगुड़ी में भी दिखाई दी. क्योंकि कमलेश अग्रवाल उर्फ ठेकेदार किंग ने सिलीगुड़ी में भी रियल एस्टेट के कारोबारियों को पनाह दी है और निवेश किया है.
आईटी विभाग जब किसी व्यापारी पर छापे की कार्रवाई शुरू करता है, तो पहले उसकी फुल प्रूफ योजना बना लेता है और व्यापारी के बारे में ए टू जेड सभी जानकारी हासिल करता है. आईटी अधिकारियों को पता था कि सिलीगुड़ी में भी रियल एस्टेट में कमलेश अग्रवाल का भारी निवेश है. अतः उसी समय सिलीगुड़ी में भी रियल एस्टेट के ठिकानों में जांच पड़ताल शुरू हो गई थी. चर्चा है कि पवन चामलिंग से नाराजगी के बाद और सिक्किम की मौजूदा सरकार के चलते अग्रवाल बंधुओं का कारोबार सिलीगुड़ी में शिफ्ट हो चुका है. यहां रियल एस्टेट से जुड़े कई ठिकानों पर आईटी का छापा और सर्वे चलता रहा. अभी तक पता नहीं चला है कि आईटी अधिकारियों को वहां से क्या-क्या हासिल हुआ है. लेकिन जो सबूत और साक्ष्य हाथ लगे हैं, वह पर्याप्त हैं. हालांकि अभी तक इसका कोई खुलासा नहीं किया गया है.
सिलीगुड़ी में कमलेश अग्रवाल के उत्तरायण स्थित घर तथा उनके सभी चारों भाइयों गजानंद अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, प्रीतम अग्रवाल और सुनील अग्रवाल के रियल एस्टेट से जुड़े दफ्तर और अन्य लोगों के ठिकानों पर भी सर्वे का काम चलता रहा. इनमें अंबुजा सीमेंट के कारोबारी विनोद अग्रवाल और विनोद गुप्ता के ठिकानों पर भी देर रात तक कार्रवाई हुई. सूत्रों ने बताया कि आईटी अधिकारियों को इसमें काफी सफलता मिली है. जो नकदी बरामद हुई है, उसकी जांच पड़ताल चल रही है.
कमलेश अग्रवाल की पांच कंपनियां है. लेमनग्रास टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, अल्बर्ट डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड, पंचमहल रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, निर्मला पावर टैक प्राइवेट लिमिटेड और मुंगीपा फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड है. इनके सर्वे का काम चल रहा है. इन कंपनियों के माध्यम से बड़े लेनदेन किए गए हैं. उसकी जांच चल रही है. सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 42 में कमलेश अग्रवाल के गोदाम और उद्योग धंधे भी है. आईटी अधिकारी वहां भी जांच कर रहे हैं. अग्रवाल बंधुओं के जमीन घोटाले से भी नाम जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. इसके अलावा और भी कई मामले हैं. जब तक यह सिक्किम की राजनीति में राजनेताओं के साथ जुड़े रहे, तब तक मामले को भी दबाया जाता रहा. लेकिन जैसे ही सिक्किम की दोनों सरकारों से उनका मोह भंग हुआ, तब छापे पड़ते गए. श
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार ठेकेदार किंग के यहां छापेमारी में आईटी अधिकारियों को जो दस्तावेज हाथ लगा है, उसमें 500 करोड रुपए का हेर फेर का पता चला है. केवल कुछ वर्षों में ही उनके खातों में इतनी बड़ी रकम कहां से आई और कहां ट्रांसफर किया गया. इन सभी के बारे में जांच चल रही है. चर्चा यह है कि इसमें एक बड़े राजनीतिक दल का भी फंड जमा किया गया है.आईटीआई अधिकारी ट्रांजैक्शन के बारे में सब कुछ पता कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिनों में सब कुछ साफ हो जाएगा.