सिक्किम विधानसभा चुनाव से पहले सिक्किम में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना सुर्खियों में है. हाम्रो सिक्किम पार्टी का एसडीएफ के साथ आज विलय हो गया. दोनों ही दलों की ओर से आज आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी गई है. हाम्रो सिक्किम पार्टी के नेता बाइचुंग भूटिया और एसडीएफ पार्टी के पवन चामलिंग की मौजूदगी में यह विलय हुआ है.
काफी पहले से ही दोनों दलों के विलय की बात हो रही थी. इसके लिए दोनों ही दलों के प्रमुख नेता तैयार थे. हाम्रो सिक्किम पार्टी के बाइचुंग भूटिया ने भी कुछ समय पहले ही यह संकेत दे दिया था कि उनकी पार्टी का विलय एसडीएफ में हो रहा है. देखा जाए तो दोनों ही दलों का विलय 2 महीने पहले ही हो जाना चाहिए था. लेकिन सिक्किम में तीस्ता त्रासदी के बाद स्थितियां बदल गई, जिसके कारण उनका विलय होने में विलंब हुआ.
आज राव बंगला में मीडिया की उपस्थिति में बाइचुंग भूटिया और पवन चामलिंग गले मिल गए. दोनों ही नेताओं ने एसडीएफ का झंडा लहराया और अपनी पार्टी का दमखम दिखाया. इस अवसर पर बाइचुंग भूटिया की पार्टी के अनेक सदस्य और महत्वपूर्ण हस्तियां उपस्थित थी.इसी तरह से पवन चामलिंग की पार्टी के प्रमुख नेता भी उपस्थित थे.दोनों ही काफी खुश थे और आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के प्रति उतना ही आश्वस्त दिखे.
दोनों ही पार्टियों का विलय सिक्किम के किसी अन्य स्थान में होने वाला था. हाम्रो सिक्किम पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक बिना बसनेत ने बताया कि बरफोंग में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाना था. परंतु बाद में राव बंगला में इसे शिफ्ट कर दिया गया. बिना बसनेत हाम्रो सिक्किम पार्टी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. उन्होंने हाम्रो पार्टी के पवन चामलिंग की पार्टी एसडएफ में विलय पर प्रसन्नता व्यक्त की है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले बिना बसनेत खबर समय के स्टूडियो में आयोजित एक इंटरव्यू में अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में ढेर सारी बातें कर चुकी हैं.
सिक्किम में एसडीएफ के बढ़ते कद और आज के विलय के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग तथा उनकी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा में खलबली जरूर मची होगी. हालांकि अभी एसकेएम की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. परंतु सूत्र बताते हैं कि बाइचुंग भूटिया के पवन चामलिंग के साथ आ जाने से सिक्किम की राजनीति में कुछ उलट फेर देखने को मिल सकता है.
जानकार मानते हैं कि सिक्किम के लोग बाइचुंग भूटिया को फुटबॉल के महान खिलाड़ी के रूप में ही देखते हैं तथा उनकी लोकप्रियता महान फुटबाल खिलाड़ी के रूप में ही है. जबकि राजनीति में वे अनफिट हैं. ऐसे में राजनीतिक तौर पर एसडीएफ को सिर्फ बाईचुंग भूटिया की लोकप्रियता का ही लाभ मिल सकता है. दूसरी तरफ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा तथा प्रेम सिंह तमांग का लगभग 5 साल का कार्यकाल कुल मिलाकर संतोषजनक रहा है. ऐसे में इस विलय का एसकेएम पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.