सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल, सीमावर्ती बिहार, नेपाल ,पहाड़ और सिक्किम के रोगियों के लिए एकमात्र चर्चित सरकारी अस्पताल सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इस अस्पताल से आप जरूर परिचित होंगे. मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था तथा चिकित्सा को लेकर अधिकतर लोगों की राय अच्छी नहीं होती. यहां अधिकतर गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं. या फिर ऐसे गंभीर मरीज, जिन्हें अच्छी चिकित्सा के लिए यहां रेफर किया जाता है.
हाल के दिनों में अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर, डॉक्टर ,नर्स,कर्मचारी तथा व्यवस्था को लेकर काफी बदलाव हुए हैं. पुरानी शिकायतों के समाधान की दिशा में कुछ अच्छे कार्य भी हुए हैं.पर क्या यह जमीनी स्तर पर दिखाई भी देता है? यह सही है कि सरकारी अस्पतालों पर डॉक्टरों,कर्मचारियों तथा नर्सो की लापरवाही के आरोप लगते रहते हैं. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी इससे अछूता नहीं है. पिछली कई घटनाएं अस्पताल की सच्चाई की पोल खोलती हैं. यह वही अस्पताल है, जहां से कुछ दिनों पहले दिनदहाड़े एक नवजात शिशु की चोरी हो गई थी. यह वही अस्पताल है, जहां आए दिन डॉक्टरों तथा प्रिंसिपल का घेराव, धरना, प्रदर्शन होते रहते हैं. कभी बेड की कमी को लेकर, तो कभी मरीज को परेशान करने के नाम पर तो कभी मरीज को भगवान भरोसे छोड़ देने के नाम पर…
पिछले दिनों उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने अस्पताल में साफ सफाई, अनुशासन, चिकित्सकों तथा नर्सों की कार्यशैली, कानून एवं व्यवस्था तथा रोगी सुरक्षा एवं सुविधाओं को दुरुस्त करने का वायदा किया था और इस पर कार्य भी शुरू किया गया. सूरत कितनी बदली है, यह तो पता नहीं.परंतु दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर दिए गए एक बयान ने हंगामा जरूर खड़ा कर दिया है. राजू विष्ट अपने सहयोगी भाजपा विधायक आनंदमय बर्मन के साथ किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रही नक्सलबाड़ी की एक बच्ची को उत्तर बंगाल मेडिकल अस्पताल में देखने के लिए आए थे. इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डो का भी मुआयना किया था.
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल कितना बदला है, इस सवाल पर राजू बिष्ट भड़क उठे और उसके बाद उन्होंने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल, प्रदेश सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जो बड़ा हमला किया, वह किसी विस्फोट से कम नहीं था. पहली बार राजू बिष्ट का यह तेवर सुर्खियों में है. उन्होंने सीधे-सीधे स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दे डाली और कहा कि मुख्यमंत्री जी, आप यहां आकर देख लीजिए. आंसू ना निकल गए तो मैं अपना नाम बदल दूंगा… राजू बिष्ट ने अस्पताल की गंदगी,अव्यवस्था तथा चिकित्सकीय उपकरण को लेकर भी मुख्यमंत्री को घेरा और डॉक्टरों को निर्दोष माना.
राजू बिष्ट यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने लोगों की भारी भीड़ के बीच मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लोग अस्पताल का सही संचालन और रखरखाव नहीं कर पा रहे हैं तो अस्पताल को मेरे हवाले कर दे. मैं वादा करता हूं कि अस्पताल का सूरते हाल बदल दूंगा. एक ऐसा अस्पताल होगा, जिस पर सभी नाज करेंगे. राजू बिष्ट ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रखरखाव तथा विकास के लिए यहां तक कह डाला कि अगर फंड की कमी आड़े आ रही है तो वे दार्जिलिंग के सांसद होने के नाते अपने सांसद निधि कोष से सहयोग करने को तैयार हैं!
सवाल उठता है कि क्या सचमुच उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सूरते हाल नहीं बदला है? या फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को लेकर राजू बिष्ट का एक राजनीतिक बयान है? आपकी क्या राय है? यह अस्पताल कितना बदला है और राजू बिष्ट के बयान में कितनी सच्चाई है? कमेंट करना ना भूलिएगा!