सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत जितने भी थाने हैं, उनमें से एनजेपी और भक्ति नगर पुलिस स्टेशन इलाके में अपराध की सर्वाधिक घटनाएं घटती हैं. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि एनजेपी इलाके में अपराध की वारदातें अन्य पुलिस थानों के मुकाबले सर्वाधिक होती हैं. एनजेपी पुलिस थाने के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं जो बांग्लादेश से सटे हुए हैं. इनमें फुलबारी, डाबग्राम, फुलबारी इंडस्ट्रियल एरिया, चुनाभट्टी, कामरांगागुड़ी, मर्डर मोड साउथ कॉलोनी का एरिया और बॉर्डर के नजदीक बहुत से ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जहां शाम ढलते ही पीने पिलाने के साथ ही विभिन्न गुटों में झगड़ा, मारपीट और यहां तक कि हत्या जैसी वारदातें आम हो चुकी हैं.
एनजेपी थाना के अंतर्गत कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां दिनदहाड़े छिनताई होती है. गुंडागर्दी और जबरन चंदा वसूली भी होती है. चंदा वसूली के लिए ना तो पूजा का इंतजार किया जाता है और ना ही कोई अन्य उचित मौका. किसी न किसी बहाने से चंदा वसूला जाता है. नहीं देने पर मारपीट तक हो जाती है. आपको याद होगा कि पिछले साल पूजा के दौरान राजा होली इलाके में ताश खेल रहे इलाके के अधेड़ उम्र के व्यक्ति से बदमाशों ने दादागिरी टैक्स मांगा था. जब उस व्यक्ति ने चंदा देने से मना कर दिया तो बदमाशों ने पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी थी. हालांकि इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
सूत्रों ने बताया कि यहां कई इलाके काफी पिछड़े हुए हैं, जहां छोटे-मोटे व्यवसाय करके लोग जीविकोपार्जन करते हैं. रोजी रोटी कमाने का यहां कोई साधन नहीं है.इसलिए यहां बदमाशी अधिक होती है. बदमाशों के कई गुट बन जाते हैं. उन्हें कानून और पुलिस का कोई डर नहीं होता. जमानत पर छूटने के बाद वे फिर से अपने धंधे में सक्रिय हो जाते हैं. उन्हें उन्हें रोज पीने के लिए चाहिए और इसके लिए वे घरों में चोरियां करते हैं या फिर चंदा या अन्य किसी बहाने से लोगों की जेब लूट लेते हैं. यहां अनेक बदमाशों और अपराधियों की शरण स्थली एनजेपी रेलवे स्टेशन परिसर है.
इन दिनों एनजेपी रेलवे स्टेशन परिसर में निर्माण कार्य चल रहा है. यहां मशीनरी और निर्माण सामग्री जहां-तहां पड़े रहती है. हालांकि उनकी रखवाली के लिए लोग होते हैं. फिर भी यहां से सामान चोरियां हो जाती हैं. अपराधी और बदमाश यहां बैठे रहते हैं. शराब पीते हैं और आपस में ही झगड़ा और मारपीट भी करते हैं. पिछले दिन एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां नशे में धुत एक युवक की कुछ अन्य नशेड़ी बदमाशों से बहस हो गई. विवाद इतना बढ़ गया कि बदमाशों ने पीट पीट पर उसकी हत्या कर दी थी. यह घटना कल की है. जीआरपी पुलिस ने एनजेपी पुलिस के सहयोग से आठ लोगों को हत्या का आरोपी बनाया है. उनके नाम मृत्युंजय मजूमदार, अयूब अली, गौतम चक्रवर्ती, करण झा, मोहम्मद अफजल, अभय मंडल, संदीप ठाकुर और संजीव कुमार दास है. सभी आरोपी पुलिस रिमांड में हैं.
सूत्र बताते हैं कि इन इलाकों में कच्ची शराब की सर्वाधिक खपत होती है.रोजी रोजगार के अभाव में अपराधियों के लिए जेल एक सुरक्षित स्थान बन चुका है,जहां वे बैठकर भविष्य की योजनाएं बनाते हैं. देर सवेर उन्हें जमानत मिल जाती है. जेल से बाहर आने के बाद वे फिर से अपने धंधे में सक्रिय हो जाते हैं. यहां के कुछ लोगों ने बताया कि लोग उनके डर से पुलिस को सूचना नहीं देते हैं.लोगों ने बताया कि बदमाशों को सब पता चल जाता है. इसलिए जमानत पर छूटने के बाद वे उनकी मुखबिरी करने वाले लोगों को माफ नहीं करते हैं. सूत्रों ने बताया कि कई ग्रामीण इलाकों में रात होते ही लोग अपने घरों में चले जाते हैं और उसके बाद अपराधियों का यहां राज शुरू होता है.
एनजेपी पुलिस स्टेशन इलाके में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं है. पुलिस के पास संसाधनों की कमी है. ऐसे में जन जागरण और सतर्कता ही लोगों को अपराधियों और बदमाशों से बचा सकती है. जब तक इलाके में लोगों में एकता और एकजुटता नहीं होगी, तब तक यहां बदमाशों का आतंक बना रहेगा और भविष्य में इस तरह की और भी घटनाएं घटती रहेंगी. एनजेपी रेलवे स्टेशन परिसर में टैक्सी चालकों के साथ यहां के तथाकथित दादाओं की जबरन टैक्स वसूली से संबंधित घटनाएं समय-समय पर सुर्खियों में रहती हैं.