वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी का इतना विकास हो चुका है कि साइबर अपराधियों के लिए किसी को लूटने का आसान रास्ता बनता जा रहा है. अगर आप सतर्क और चौकस नहीं रहेंगे तो साइबर अपराधी आपकी सारी जमा पूंजी खाली कर लेंगे और आपको कुछ पता भी नहीं चलेगा. जैसा कि मुंबई में एक 70 वर्षीय कारोबारी दंपति के साथ हुआ है. साइबर ठगों ने चार महीने में 4 करोड रुपए उनके विभिन्न खातों से निकाल लिए. कारोबारी व्यक्ति मुंह के बल गिरा है.
मुंबई तो दूर की बात रही. कोलकाता, सिलीगुड़ी छोटे बड़े सभी शहरों में साइबर अपराधी आपकी जमा पूंजी पर घात लगाए बैठे हैं. जरा सा असावधान हुए नहीं कि आपकी पूंजी गायब! पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती.क्योंकि इन साइबर अपराधियों तक पहुंच पाना इतना आसान भी नहीं होता.यही कारण है कि पुलिस लोगों को लगातार सावधान करती रहती है. बैंक भी आपको सावधान करता है.
आपका एक मोबाइल नंबर से ही आपका सारा डिटेल पता चल जाता है. मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड, बैंक, पैन कार्ड आदि सभी से लिंक है. ऐसे में शातिर साइबर अपराधियों को आपकी पृष्ठभूमि का पता लगाने में देर नहीं लगती. सूत्र बताते हैं कि अनेक बैंकों के कर्मचारी साइबर अपराधियों के संपर्क में रहते हैं. वे उन्हें उपभोक्ताओं के बारे में विवरण देते रहते हैं.इसके बदले उन्हें कमीशन साइबर अपराधियों के द्वारा दिया जाता है. सिलीगुड़ी में इस तरह की कई घटनाएं पूर्व में घटित हो चुकी है. इसके बावजूद लोगों की लापरवाही कम नहीं हो रही है.
यहां एक बात ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी साइबर लूट की तकनीकी काम नहीं करेगी, जब तक कि आप मोबाइल से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. उदाहरण के लिए आपको भरोसे में लेकर मजबूर किया जाता है कि अपने व्हाट्सएप मैसेज को देखें. लिंक फॉरवर्ड करें अथवा फोन करने वाले से बात करें. अगर व्यक्ति अनजान है तो उससे क्या बात करनी है. ऐसे लोग शिकार को फसाने से पहले उसकी मानसिक स्थिति को भांप लेते हैं. किसी भी व्यक्ति को अपनी कोई कमजोरी ना बताएं. ना ही किसी भी प्रलोभन में आए.
मुंबई में फोन करने वाली एक मैडम ने कारोबारी दंपति को बताया कि उनके पति का भविष्य निधि का जो रुपया था, वह दुगुना हो चुका है. निवेश करने से पहले उन्हें कुछ जानकारी देनी होगी. भरोसा जमाने के लिए उक्त महिला ने कारोबारी का पैन कार्ड, आधार नंबर का डिटेल भी दिया. यहीं पर कारोबारी फस गया. उसे विश्वास हो गया कि फोन करने वाला सही व्यक्ति है और इसीलिए कारोबारी ने उसे अपना सारा विवरण उसके बताए अनुसार दे दिया. फिर तो 4 महीने में उसके चार करोड़ विभिन्न बैंक खातों से निकाल लिए गए. ग्वालियर में एक ऐसा ही साइबर ठग पकड़ा गया है, जो इस समय सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है.
ग्वालियर के एसपी ने एक डेमो पेश किया है. इसके अनुसार लोग किस तरह से साइबर ठगो के जाल में फंस जाते हैं, यह दिखाया गया है. इन सभी के पीछे लालच है और रातों-रात करोड़पति बनने का जुनून होता है.आपके इनाम की राशि पर भी उनका कब्जा हो जाता है. जैसे आपने कौन बनेगा करोड़पति जैसे ठगी मामले में देखा है. ठीक उसी तरह से यह भी इनाम अथवा अन्य लालच देकर आपको पहले फसाते हैं. फिर आपके अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करते हैं और उसके बाद से आपकी जेब खाली करना शुरू कर देते हैं.
यकीन मानिए कि एक बार साइबर ठग से टकरा गए तो भगवान ही आपका मालिक है! आंख से भी काजल चुरा लेने वाले साइबर अपराधी कब आपकी जेब साफ कर लेंगे, आपको कुछ पता भी नहीं चलेगा. इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. जैसे अनजान नंबर से आए फोन पर बात ना करें. किसी को अपना पिन नंबर ना बताएं. कोई भी गुप्त बात फोन करने वाले को ना बताएं. कई साइबर ठग कूरियर आदि डॉक्यूमेंट ना मिलने की शिकायत करने पर आपके फोन को हैक कर लेते हैं.डिलीवरी के लिए वह आपसे ₹5 का ऑनलाइन भुगतान मांगते हैं. इसके बाद यकीन मानिए कि आपके साथ कुछ बुरा होने जा रहा है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के द्वारा समय-समय पर सिलीगुड़ी वासियो को आगाह किया जाता रहा है.हमेशा सतर्क रहें.गूगल पर किसी कस्टमर सेंटर का नंबर ना ढूंढे.सीधे बैंक से बात करें और कोई भी समस्या होने पर बैंक अधिकारी से ही बात करें. क्योंकि गूगल पर आजकल साइबर ठग जो नंबर दे रहे हैं उनमें से अधिकांशत लोगों को ठगने से जुड़े हुए होते हैं.अगर संभव हो तो अपने आधार में लॉक पिन लगाकर रखें.इससे आपके आधार का कोई दुरुपयोग नहीं कर सकेगा.इस तरह की कई छोटी-छोटी बातें हैं जिनका ध्यान रखकर आप अपनी मेहनत की कमाई की रक्षा कर सकेंगे.